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BIHAR सृजन घोटाला : सीबीआई जांच पर भरोसा नहीं है तो जाएं कोर्ट : नीतीश कुमार

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को विधान परिषद में कहा कि सृजन घोटाले की जांच सीबीआई से हो रही है. घोटाले के आरोपित बख्शे नहीं जायेंगे. जिन्हें सीबीआई जांच पर भरोसा नहीं है, वे न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं. वे चाहें तो हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से मॉनीटरिंग करने के लिए आवेदन […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को विधान परिषद में कहा कि सृजन घोटाले की जांच सीबीआई से हो रही है. घोटाले के आरोपित बख्शे नहीं जायेंगे. जिन्हें सीबीआई जांच पर भरोसा नहीं है, वे न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
वे चाहें तो हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से मॉनीटरिंग करने के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसमें कोई ऐतराज नहीं है. परिषद में राजद सदस्यों द्वारा वेल में पहुंच कर असंसदीय शब्द बोलने, कार्य संचालन नियमावली के अनुसार आचरण नहीं करने की आलोचना करते हुए नीतीश ने कहा कि राजद सदस्यों द्वारा सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालना दुख की बात है. विपक्ष नियमसंगत सवाल उठाये.
सरकार अपनी तरफ से पूरी जिम्मेदारी से जवाब देने को तैयार है. सदन के प्रति सरकार जवाबदेह होती है. हर विषय पर सदस्य अपना विचार रखते हैं. विपक्ष किस घोटाले की बात को लेकर हंगामा कर रहा है. किसको मालूम था इसके बारे में. अगर चेक बाउंस नहीं होता तो पता भी नहीं चलता. जबकि सरकारी खाते में राशि होने के बाद चेक बाउंस हो गया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आठ अगस्त को मेरे संज्ञान में आया. नौ अगस्त को पृथ्वी दिवस के कार्यक्रम में इसे पब्लिक डोमिन में लाया. इसके बाद वित्त विभाग से टीम भेजी गयी. जिला पुलिस को सहयोग करने के लिए इओयू से जांच करायी गयी. अधिकारियों को प्लेन से भेजा गया
जानकारी करने पर पता चला कि बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ है. सरकारी राशि को सृजन सहकारी विकास समिति को दी गयी. हमें तो आश्चर्य लगा कि देश में कुछ भी हो सकता है. जिस प्रकार घोटाले का व्यापक रूप दिखा तो तुरंत सीबीआई जांच के लिए अनुशंसा की गयी. सीबीआई इसे टेकआवेर कर ली है. अब इसकी जांच करेगी. इओयू व जिला पुलिस काफी गहरायी तक गयी है.
किसी को बख्शा नहीं जायेगा. जिसके पास कोई दस्तावेज या जानकारी हो वह सीबीआई को उपलब्ध कराये. मुख्यमंत्री ने कहा कि घोटाले की सीबीआई जांच की मांग हो रही थी. जब सीबीआई जांच की सिफारिश हो गयी तो अब जांच पर भरोसा नहीं है. तो ऐसे लोग सीबीआई जांच की मांग क्यों कर रहे थे. सीएम ने कहा कि चारा घोटाले में खजाने से लूट हुई थी.
वित्त विभाग को सभी जिले में एकाउंट की जांच करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को टॉलरेट नहीं किया जायेगा. घोटाले में जो भी शामिल हैं उन्हें बख्शा नहीं जायेगा. जांच ऐसी हो रही है कि फर्जीवाड़ा फिर से कोई नहीं कर सके. आश्चर्य इस बात को लेकर है कि सरकार के एकाउंट में जो डिटेल था वह भी फर्जी था. जो भी ऐसा किया है उस पर कानूनी कार्रवाई होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से काफी परेशानी है. हमने बाढ़, सूखा,भूकंप देखा है. पिछले साल बाढ़ से 12 जिले प्रभावित थे. इस बार भी बाढ़ की स्थिति विकराल रही. पानी में काफी वेग था. स्थिति देखकर पीएम से पहले एनडीआरएफ की मांग की. इसके बाद सेना व फूड पैकेट गिराने के लिए हेलिकॉप्टर की मांग करने पर तुरंत उपलब्ध कराया गया.
इसके लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं. हमने गृह व रक्षा मंत्री से भी बात की. पूर्णिया, अररिया सहित अनय इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया. सुगौली में 90 साल के बुजुर्ग ने कहा कि ऐसा तेज पानी का बहाव नहीं देखा है. फ्लैश फ्लड में भारी नुकसान हुआ है. बाढ़ आने पर उसका आकलन वायु मार्ग से करना चाहिए. इसलिए हम सभी जिले के डीएम को हवाई सर्वेक्षण करवाते हैं. ताकि इसके बाद विस्तृत योजना बना कर काम किया जाये.
जदयू विधान पार्षद को दी नसीहत कहा, असंसदीय शब्दों का प्रयोग नहीं करें
मुख्यमंत्री ने सदस्य नीरज कुमार को सदन में असंसदीय शब्दों का प्रयोग नहीं करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि सदन से बाहर आक्रोश प्रकट करें, लेकिन सदन में परहेज रखना चाहिए. एक नेता हमारे क्षेत्र बख्तियारपुर में जाकर अपशब्द बोल कर आये. इससे वहां के लोग परेशान हैं. अपशब्द का प्रयोग वही करता है जो हताश होता है. ऐसे लोग हताशा व निराशा के चरम पर है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार को टॉलरेट करते तो सरेंडर नहीं कर देते. किस बात पर हम इस्तीफा दें.
विपक्ष का आचरण अशोभनीय व लाेकतंत्र के प्रतिकूल है. लोकतंत्र में केवल जनता ताकतवर होती है. उन्होंने उप सभापति से कहा कि सदन गरिमा से चलें इस बात का ध्यान रखना चाहिए. सदस्यों ने जो बातें कही हैं उस पर आप समुचित निर्णय लेंगे.
महेश मंडल के मौत मामले की न्यायिक जांच की सिफारिश
भागलपुर. सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के खाते से करोड़ों के फर्जीवाड़े मामले में महेश मंडल के मौत मामले की जेल अधीक्षक ने न्यायिक जांच की सिफारिश की है. महेश मंडल सरकारी योजना की राशि के फर्जीवाड़े मामले में आरोपित थे और उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. वे बीमार हो गये थे. उनकी मौत होने पर जेएलएनएमसीएच में परिजनों ने हंगामा किया था. इससे पहले पटना मुख्यालय से नाजिर की मौत मामले की जांच का निर्देश दिया गया था. इसके लिए चिकित्सकों की एक टीम गठित करने की बात कही गयी थी.
दूसरी ओर सृजन मामले में गिरफ्तार छह सरकारीकर्मी कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार, सहकारिता बैंक के पूर्व कर्मी सुधांशु दास, सहकारिता बैंक कर्मी हरिशंकर उपाध्याय, सुपौल के जिला सहकारिता पदाधिकारी पंकज कुमार झा, बैंक ऑफ बड़ौदा के रिटायर मैनेजर एके सिंह, सहायक मैनेजर अतुल रमण को जेएलएनएमसीएच में इलाज कराने का शुक्रवार को कोर्ट ने आदेश दिया. सरकार की ऑडिट टीम इस बात की जांच कर रही है कि सृजन संस्था को लोन देने की क्या क्षमता थी और कितना दिया गया. महालेखाकार की टीम भी जिन योजनाओं की राशि का फर्जीवाड़ा हुआ है, उसकी जांच में जुटी हुई है.
रिमांड से जेल भेजे गये तीन आरोपित
सृजन घोटाले में जिलाधिकारी के स्टेनो प्रेम कुमार, नाजिर राकेश और फर्जी बैंक स्टेटमेंट बनाने के आरोपित वंशीधर को एसआइटी ने गुरुवार को रिमांड पर लिया था. रिमांड की अवधि समाप्त होने पर उन तीनों कर्मियों को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया.
बांका पुलिस पहुंची इंडियन बैंक
बांका पुलिस शुक्रवार को इंडियन बैंक की भागलपुर शाखा में सृजन मामले की जांच करने पहुंची. बांका पुलिस ने बांका के सहकारिता बैंक के 83.10 करोड़ की राशि के फर्जीवाड़े से संबंधित कागजात की जांच की. कोलकाता की इंस्पेक्शन टीम व पटना विजिलेंस टीम इंडियन बैंक में 10 साल पुराना वाउचर ढूंढ़ने पहुंची. वहीं आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने बैंक ऑफ बड़ौदा में जांच की.

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