बोल्डर घोटाला . कोई भी रेल अधिकारी इस मामले पर मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं
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कई पदाधिकारियों पर गिर सकती है गाज
बोल्डर घोटाला . कोई भी रेल अधिकारी इस मामले पर मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं बोल्डर घोटाला करोड़ों की बतायी जा रही है. मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचने के कारण घोटाले में शामिल रेलवे पदाधिकारियों में हड़कंप है. कटिहार : कटिहार रेलवे में बोल्डर घोटाला को रेलवे के कई अधिकारियों के लिए गले की फांस […]
बोल्डर घोटाला करोड़ों की बतायी जा रही है. मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचने के कारण घोटाले में शामिल रेलवे पदाधिकारियों में हड़कंप है.
कटिहार : कटिहार रेलवे में बोल्डर घोटाला को रेलवे के कई अधिकारियों के लिए गले की फांस बनने जा रही है. जिससे रेलवे में हडकंप की स्थिति है. यही वजह है कि कोई भी रेल अधिकारी इस मामले पर मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं हैं. बोल्डर घोटाला करोड़ों की बतायी जा रही है.
हालांकि मामला रेलवे के उच्चधिकारियों तक पहुंच गयी है. जिसके कारण घोटाला में शामिल रेलवे पदाधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. गौरतलब हो कि कटिहार-एनजेपी के बीच तेलता के निकट भीषण बाढ़ में रेल पटरी के नीचे की मिट्टी पूरी तरह से बह गयी है. जिसे दुरूस्त करने के लिए रेलवे ने झारखंड के पाकुड़ से अच्छी क्वालिटी का बोल्डर मंगाने का निर्णय लिया. आनन-फानन में 30 वैगन बोल्डर वहां से मंगाया गया. जब 21 अगस्त को मालगाड़ी 30 बोगी के साथ कटिहार के सुधानी रेलवे स्टेशन पहुंची तो 30 वैगन में 20 वैगन में बोल्डर था ही नहीं. 20 बोगी पूरी तरह से खाली थी. खाली बोगी में घास उगे थे.
वहां हैंड ओवर करने के दौरान जब अधिकारी ने जांच की तो उनके होश उड़ गये. उन्होंने आन-फानन में उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी व बड़े घोटाले की आशंका जता दी. अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर 20 वैगन बोल्डर गया कहां. क्या पाकुड़ में ही जान बूझकर 20 वैगन खाली छोड़ दिया गया. ज्यादा अंशाका जतायी जा रही है कि बोल्डर वहां लोड ही नहीं किया गया है.
खाली बैगन को यहां भेज दिया गया. यदि उस वक्त जांच नहीं होती तो मिलीभगत कर 10 वैगन बोल्डर को 30 वैगन बोल्डर शो कर दिया जाता. लेकिन मामला पकड़ाने के बाद अब तक किसी भी रेलवे के अधिकारी ने अधिकारिक तौर पर मामले पर कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. बहरहाल बोल्डर घोटला की आंशका से रेलवे के पदाधिकारियों, अभियंताओं में हड़कंप मचा हुआ है.
तेलता के समीप बाढ़ में बह गयी थी रेल लाइन
कटिहार रेल मंडल में आये प्रलयंकारी बाढ़ की वजह से सुधानी में क्षतिग्रस्त पुल संख्या 133 के पुनर्निर्माण चल रहा है. इस पुल स्कूल के क्षतिग्रस्त रहने से पूर्वोत्तर भारत का सात राज्य भारत से अलग-थलग हो गया है. जिससे रेलवे मंत्रालय संज्ञान लेते हुए इस पूल को परिचालित करने के लिए एड़ी चोटी एक कर दिया है. इसके लिए एनडीआरएफ की टीम के साथ-साथ सेना की भी मदद ली जा रही है. पुल के मरम्मती के लिए झारखंड से बोल्डर मंगाया जा रहा है
. लेकिन रेक में आया हुआ बोल्डर आधा अधूरा व खाली पहुंच रहा है. ज्ञात हो कि बुधवार को रेल महाप्रबंधक चाहते राम पूल संख्या 133 पर चल रहे कार्यों का जायजा लेने पहुंचे थे. इसी क्रम में बोल्डर घोटाला सामने आने से गुरुवार को भी रेल महाप्रबंधक कटिहार में डटे रहे. बोल्डर घोटाले मामले में उन्होंने कहा कि इसकी निष्पक्ष जांच किया जायेगा व इसके लिए एक कमेटी गठित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो जायेगी.
रेल प्रशासन में हड़कंप
कटिहार रेल डिवीजन के सभी अधिकारी कार्यस्थल पर डटे हुए हैं. मरम्मती कार्य को गति देने के लिए लगातार 24 घंटे कार्य का समीक्षा कर रहे हैं. इसी बीच 20 वैगन बोल्डर खाली मिलने की बात सामने आने से रेल प्रशासन के बीच हड़कंप मच गया है. इससे बाढ़ राहत नाम पर रेल प्रशासन की ओर से लूट का मामला भी सामने आ गया है. साथ ही रेल प्रशासन की ओर से युद्ध स्तर पर चल रहे मरम्मती कार्य का दावा भी झूठा साबित हो गया है.
आधा-अधूरा पहुंच रहा है बोल्डर
कटिहार रेल डिवीजन में चल रहे मरम्मती कार्य के लिए मंगाया गया. निर्माण सामग्री मालगाड़ी में आधा अधूरा या खाली पहुंच रहा है. जबकी भुगतान पूरा का लिया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार सुधानी के एसएमआर, पीडब्लूआइ व आरपीएफ लाइन ने जब प्रारंभिक जांच किया तो मामला सही निकला. सूत्रों की मानें तो पीसीएमआई अरुण शर्मा को जांच का रिपोर्ट सौंपने की जिम्मेदारी दिया गया है.
रेल अधिकारी कुछ भी बोलने से कर रहे परहेज
बोल्डर घोटाले की मामला सामने आने से सभी रेल अधिकारी मीडिया से बात करने में कतरा रहे हैं. इसी क्रम में कटिहार रेल डिवीजन के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक बी के मिश्रा ने इस संबंध पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिए हैं. वहीं एडीआरएम डीएल मीणा ने बोल्डर घोटाले से अपना पल्ला झाड़ लिया है.
रेल महाप्रबंधक ने दिया जांच का अाश्वासन
बोल्डर घोटाले का निष्पक्ष जांच का आश्वासन रेल महाप्रबंधक चाहते राम ने दे दिया है. इसके लिए एक कमेटी गठित की गयी है. सूत्रों की मानें तो इस मामले की जांच की जिम्मेदारी पीसीएमआइ अरुण शर्मा को दिया गया है. जांच रिपोर्ट सामने आने से रेलवे के कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है.
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