काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान एक शिया मस्जिद में घुसे आतंकियों ने हमले में कम से कम 20 नमाजियों की जान ले ली और 50 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये. पीड़ितों में कई बच्चे शामिल हैं. पुलिस अधिकारी मोहम्मद सादिक मुरादी ने बताया कि दो हमलावरों ने खुद को उड़ा लिया और अन्य दो को अफगान सुरक्षा बलों ने मार गिराया. आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली है. यह अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक शियाओं पर हुआ सबसे नवीनतम हमला है.
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हालांकि, तालिबान ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि समूह का हमले से कोई लेना-देना नहीं है. राष्ट्रपति अशरफ गनी ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि आतंकी युद्धभूमि में हार रहे हैं, इसलिए धार्मिक स्थलों को निशाना बना रहे हैं. उन्होंने मौलवियों से रक्तपात की निंदा करने का अपील की. काबुल के अस्पतालों के प्रमुख मोहम्मद सलीम रसौली ने कहा कि मृतकों की संख्या 20 है, जो और बढ़ सकती है, क्योंकि कई पीड़ित गंभीर रूप से घायल हैं.
इस्लामिक स्टेट ने अपनी दुष्प्रचार समाचार एजेंसी की वेबसाइट पर एक बयान में कहा कि उसने मस्जिद में दो हमलावर भेजे थे. हमलावरों की संख्या को लेकर विरोधाभास को लेकर तत्काल कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया. अफगानिस्तान की शिया मौलवी परिषद के एक सदस्य मीर हुसैन नासिरी ने कहा कि नमाज अदा कर रहे मौलवी मृतकों में शामिल हैं. मस्जिद में 1,000 तक लोग जमा हो सकते हैं. हमले से कुछ दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्धग्रस्त देश में हजारों और अमेरिकी सैनिकों की तैनाती का रास्ता साफ कर दिया था.