कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निजता के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का आज स्वागत किया. ममता बनर्जी ने एक ट्वीट किया, ‘माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा निजता के अधिकार को एक मौलिक अधिकार घोषित किये जाने के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं.’ यह एक ऐतिहासिक निर्णय है जिससे सभी भारतीयों का जीवन प्रभावित होगा.
We welcome this verdict by Honourable Supreme Court #RightToPrivacy is a Fundamental Right
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) August 24, 2017
सुप्रीम कोर्ट ने देश के प्रत्येक नागरिक को प्रभावित करने वाले अपने ऐतिहासिक फैसले में निजता के अधिकार को संविधान के तहत मौलिक अधिकार घोषित किया. प्रधान न्यायाधीश जे. एस. खेहर की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने फैसले में कहा कि ‘निजता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पूरे भाग तीन का स्वाभाविक अंग है.’ पीठ के सभी नौ सदस्यों ने एक स्वर में निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार बताया.
इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर आया यह फैसला विभिन्न जन-कल्याण कार्यक्रमों का लाभ उठाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा आधार कार्ड को अनिवार्य करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं से जुड़ा हुआ है. कुछ याचिकाओं में कहा गया था कि आधार को अनिवार्य बनाना उनकी निजता के अधिकार का हनन है. संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर, न्यायमूर्ति एस ए बोबड़े, न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति ए एम सप्रे, न्यायमूर्ति डी वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं और उन्होंने भी समान विचार व्यक्त किये.