दार्जिलिंगः दार्जिलिंग संकट पर चर्चा के लिए पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की आेर 29 अगस्त को प्रस्तावित बैठक में शामिल होंगे या नहीं, इस मसले पर गोरखालैंड के नेता आगामी 25 अगस्त को फैसला लेंगे. इस मुद्दे पर अंतिम फैसला करने के लिए गोरखालैंड आंदोलन समन्वय समिति (जीएमसीसी) ने 25 अगस्त को बैठक बुलायी है.
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जीजेएम नेतृत्व इस बात को लेकर दुविधा में है कि बातचीत में शामिल हुआ जाये या नहीं, क्योंकि उन्हें राज्य सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक न्यौता नहीं मिला है. जीजेएम ने मामले पर चर्चा के लिए आज बैठक की और तय किया कि इस संबंध में 25 अगस्त को अंतिम निर्णय किया जायेगा. वहीं दूसरी ओर, इस पर्वतीय क्षेत्र में बंद का आज 71वां दिन है और इससे जनजीवन प्रभावित हुआ है.
जीएपसीसी में बिखराव से परेशान गोरखा नेता
दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर जारी आंदोलन के बीच जीएमसीसी में बिखराव ने गोजमुमो की नींद उड़ा दी है. पहाड़ पर पिछले 71 दिनों से बेमियादी बंद जारी है और आंदोलन के खत्म होने के फिलहाल कोई आसार नहीं दिख रहे हैं. सरकार की ओर से आंदोलन खत्म करने की कोई पहल की जा रही है.
केंद्र के साथ बात कर रास्ता निकालने का प्रयास जारी
ऐसे में गोजमुमो के अंदर ही एक माहौल ऐसा बन गया है, जो राज्य एवं केंद्र सरकार के साथ बातचीत कर बीच का कोई रास्ता निकालने की सोच रहा है, जबकि राज्य और केन्द्र सरकार की ओर से गोजमुमो को कोई भाव नहीं दिया जा रहा है. ऐसे माहौल में जीएमसीसी से एनसीपी ने अलग होने की घोषणा कर दी है. जाहिर है कि इस नयी परिस्थिति में गोजमुमो तथा इसके मुखिया बिमल गुरूंग काफी परेशान हैं. सिर्फ एनसीपी ही नहीं, बल्कि अभागोली, गोरामुमो तथा जाप के अंदर भी जीएमसीसी को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गयी है.
27 अगस्त को दिल्ली में महाअनशन
गोरखालैंड की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर इस महीने की 27 तारीख को एक दिवसीय महाअनशन का आयोजन किया जा रहा है. इसकी जानकारी गोरखा संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से राजीव शर्मा ने दी.उन्होंने नई दिल्ली से फोन पर बताया कि इस अनशन में देश भर से करीब 3000 गोरखा शामिल होंगे.