सिलीगुड़ी. इस वर्ष फिर से डेंगू ने तहलका मचाने की तैयारी कर ली है. डेंगू से इस साल पहली मौत से पूरे शहर में खलबली है. पहाड़ को छोड़कर सिलीगुड़ी व आस-पास के इलाकों में डेंगू पीड़ितों की संख्या 70 पार कर चुकी है. उत्तर बंगाल में भारी बारिश की वजह से जल जमाव है और यह डेंगू को न्यौता देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है.
सिलीगुड़ी शहर में डेंगू पीड़ितों की संख्या 50 के पार पहुंच रही है. वहीं पहाड़ को छोड़कर सिलीगुड़ी महकमा परिषद इलाके में डेंगू मरीजों की संख्या 20 के आस-पास है. सोमवार को डेंगू ने एक महिला की जान ले ली है. सिलीगुड़ी जिला अस्पताल व शहर के विभिन्न निजी अस्पतालों में बुखार से पीड़ित काफी मरीज इलाजरत हैं.
सिर्फ सिलीगुड़ी जिला अस्पताल की बात करे तो 60 से अधिक लोग बुखार सी पीड़ित होकर भर्ती हैं. इनमें से अधिकांश में डेंगू (एनएस-1) पोजेटिव पाया गया है. उत्तर बंगाल की भारी बारिश की वजह से संक्रमण भी काफी तेजी से फैल रही है. शरीर गर्म होते ही लोग घबरा रहे हैं. निगम व महकमा परिषद की ओर से ब्लीचिंग व मच्छर मारने की दवा आदि का छिड़काव किया जा रहा है.हांलाकि बारिश के पानी इसके बह जाने से परेशानी जस की तस बनी हुई है.
क्या है अस्पतालों की स्थिति
डेंगू का नाम सुनते ही मरीज अस्पताल की तरफ भागते हैं. डेंगू पीड़ितों के रक्त का प्लेटलेट्स काफी तेज गति से कम होने लगता है. जिसकी वजह से काफी शारीरिक कमजोरी आने लगती है. प्लेटलेट्स की संख्या लगातार गिरने से रोगी की मौत हो जाती है. सिलीगुड़ी जिला अस्पताल व उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में ज्वर से पीड़ित काफी मरीज इलाजरत है. सिलीगुड़ी जिला असपताल में एक आइसोलेटेड वार्ड हैं डेंगू से पीड़ित मरीजों का इलाज किया जाता है. साथ ही उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भी बुखार पीड़ितों के लिए 32 बेड का एक अलग वार्ड है. डेंगू की जांच व इलाज की पूरी व्यवस्था जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में की गयी है. शहर के निजी अस्पतालों में इलाजरत डेंगू पीड़ितों का मेक एलाइजा टेस्ट भी सरकारी अस्पतालों में ही कराया जा रहा है. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल अधीक्षक मैत्री कर ने बताया कि ज्वर से पीड़त मरीज हैं लेकिन वर्तमान में डेंगू मरीज नहीं हैं.