भागलपुर : सरकारी राशि की धोखाधड़ी का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. मंगलवार को डीआरडीए द्वारा 57 करोड़ के फर्जीवाड़े की प्राथमिकी तिलकामांझी थाने में दर्ज करायी गयी. भागलपुर में दर्ज हुए इस प्राथमिकी के बाद फर्जीवाड़े की राशि का आंकड़ा 928 करोड़ पहुंच चुका है. उधर, कल्याण विभाग द्वारा एक और प्राथमिकी दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है. इस विभाग द्वारा अभी तक की गणना में राशि 252 करोड़ पहुंच चुका है, यानी इस प्राथमिकी के दर्ज होने के बाद फर्जीवाड़े की राशि लगभग 1200 करोड़ को छू लेगा. सहकारिता विभाग सृजन समिति के सभी पद धारकों के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज कराने की तैयारी में है. सृजन के पदाधिकारियों पर सूचना छिपाने का आरोप है.
दूसरी ओर, सृजन से मिल कर सरकारी राशि के फर्जीवाड़ा मामले में संलिप्तता पाये जाने के बाद पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं होनेवाले 10 अभियुक्तों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के लिए पुलिस कोर्ट में फरियाद करेगी. ये वैसे अभियुक्त हैं, जो फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद से फरार हैं और पूछताछ के लिए बुलाये जाने पर भी सहयोग के लिए उपस्थित नहीं हुए. मंगलवार को एसएसपी मनोज कुमार ने गोपनीय कार्यालय में इस फर्जीवाड़े में दर्ज कांडों के अनुसंधानकर्ताओं, डीएसपी और इओयू के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. समीक्षा बैठक में एसएसपी मनोज कुमार ने फरार 10 अभियुक्तों के खिलाफ वारंट के लिए कोर्ट में प्रे करने का निर्देश दिया. कोर्ट से इन अभियुक्तों के खिलाफ वारंट जारी होने के बाद पुलिस इनकी गिरफ्तारी करेगी.
इनके खिलाफ वारंट के लिए की जायेगी अदालत से फरियाद
एसएसपी ने जिन 10 लोगों के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट के लिए कोर्ट में फरियाद करने का निर्देश अपने अधीनस्थ अधिकारियों को दिया है, उन संभावित नामों में अमित कुमार, प्रिया कुमार, विपिन शर्मा, किशोर कुमार, एनवी राजू, अमरेंद्र यादव और पीके घोष आदि हो सकते हैं. सरकारी राशि का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद से यह लोग फरार हैं. इनमें से कई लोगों से संपर्क कर पूछताछ में पुलिस को सहयोग करने के लिए कहा गया, लेकिन वे सहयोग के लिए उपस्थित नहीं हुए.
उधर, बांका में मंगलवार को भी एसआइटी ने कई घंटों तक भू-अर्जन कार्यालय में जांच पड़ताल की. इसके बाद एसआइटी के कुछ सदस्यों के साथ एसडीपीओ शशि शंकर भागलपुर पहुंचे. लेकिन, बैंक बंद रहने की वजह से जांच प्रक्रिया में सफलता नहीं मिली. टीम इसके उपरांत सबौर स्थित सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के कार्यालय पहुंची. लेकिन, वह भागलपुर एसआइटी द्वारा सील पायी गयी. इस दौरान यह पता चला कि बैंक व सृजन सहयोग समिति का सारा रोकड़, बही से लेकर बैंक पासबुक सहित अन्य अभिलेख पूर्व में ही भागलपुर पुलिस द्वारा जब्त कर ली गयी है. इसके बाद बांका की जांच टीम भागलपुर केस के संबंधित आइओ के पास पहुंची. वहां जब्त कागजात की जांच कर आवश्यक जानकारी प्राप्त की गयी.
रालोसपा नेता दीपक वर्मा गिरफ्तार !
रालोसपा नेता दीपक वर्मा को गिरफ्तार किये जाने की सूचना है. मंगलवार को सुबह दीपक वर्मा को किसी अन्य व्यक्ति के साथ कार में कहीं जाते हुए देखा गया था. उसके बाद इस बात की चर्चा रही कि दीपक वर्मा शहर में ही है, जबकि पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर रही. शाम होने पर खबर आयी कि पुलिस ने दीपक वर्मा को उठा लिया है. हालांकि, किसी पुलिस अधिकारी ने दीपक की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की. सोमवार को दीपक वर्मा के सबौर स्थित आवास पर पुलिस और इओयू की टीम ने छापेमारी की थी.