नयी दिल्ली : #तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद से ही यह मुद्दा देश-विदेश के मीडिया में छाया रहा. भारत के विभिन्न समाचार चैनलों पर इस मुद्दे पर दिन भर चर्चा होती रही, तो विदेशी मीडिया भी खुद को इस अहम मुद्दे से दूर नहीं रख पाया. विदेशी मीडिया ने कहा कि दक्षिणपंथी पार्टी के नेता और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार खुल कर #तीन तलाक का विरोध किया. उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को इस दर्द से आजादी दिलाने का संकल्प लिया और उनकी सरकार ने उस दिशा में काम किया. और आज उसका परिणाम सामने है.
इसे भी पढ़ें : 24 महीने में 18 बार हुई सुनवाई के बाद भारत ने भी ‘तीन तलाक’ को दिया ‘तलाक’, जानें खास बातें
उधर, तलाक पीड़ित महिलाओं को उनका अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ रही बेबाक कलेक्टिव की प्रमुख हसीना खान ने कहा, आज का निर्णय ऐतिहासिक है, लेकिन यह किसी एक महिला, संगठन की जीत नहीं है. मुस्लिम महिलाओं ने इसके लिए वर्षों संघर्ष किया है. यह जीत एक दिन में नहीं मिली. इसके लिए वर्षों से महिलाएं संघर्ष करती रही हैं. अलग-अलग महिलाएं #तीन तलाक के खिलाफ अलग-अलग अदालतों में याचिका लगाती रही हैं. इस सामाजिक कुरीति के खिलाफ आंदोलन की नींव रखनेवाली हर महिला के लिए यह ऐतिहासिक दिन है. यह उन सबकी जीत है.
हाल के महीनों में भारतीय जनता पार्टी ने #तीन तलाक के मुद्दे पर लड़ रही महिलाओं का खुलकर साथ दिया. मोदी ने खुल कर इस प्रथा का विरोध किया. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, #तीन तलाक पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है. इसने मुस्लिम महिलाओं को समाज में बराबरी का दर्जा दिया है. यह नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है.
हालांकि, नरेंद्र मोदी के विरोधियों ने इसे राजनीतिक रणनीति करार देते हुए प्रधानमंत्री की आलोचना की. कहा कि मोदी की अपनी पार्टी का नारी अधिकारों के मामले में रिकॉर्ड काफी खराब है.