नयी दिल्ली : पुलिस बल में खाली पदों को भरने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चार हफ्ते में हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा है कि तय समय में रिक्त पदों को भरने के लिए क्या प्रक्रिया अपनायी जायेगी. मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर और न्यायाधीश डीवाय चंद्रचूड़ की पीठ ने फिलहाल बिहार, यूपी, कर्नाटक समेत 14 राज्यों को पुलिस बल में 4.3 लाख रिक्त पदों को तय समय सीमा में भरने का आदेश दिया है.
पीठ ने बाकी बचे राज्यों को चार हफ्ते में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया बताने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में वकील मनीष कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है. याचिका में कहा गया है कि पुलिस बल में बड़े पैमाने पर रिक्त पदों के कारण कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो रही है. अब सुप्रीम कोर्ट सभी राज्यों में रिक्त पदों को भरने की निगरानी कर रहा है और राज्य सरकारों से इस बाबत रोडमैप देने का आदेश दिया है. सोमवार को उत्तराखंड ने रिक्त पदों को भरने का रोडमैप अदालत को दिया.
झारखंड में सिपाहियों के 10,159 पद खाली
सुप्रीम कोर्ट झारखंड के रोडमैप को भी स्वीकार कर चुका है, लेकिन बिहार के रोडमैप को खारिज करते नया रोडमैप पेश करने का आदेश दिया था. बिहार सरकार द्वारा 147 स्टेनोग्राफर की नियुक्ति के लिए दो साल का वक्त मांगे जाने पर अदालत ने फटकार लगायी थी. अदालत ने झारखंड में सिपाही के 10 हजार, सब-इंस्पेक्टर के 3017, 72 डीसीपी के पदों भरने का आदेश देते हुए अधिकारियों को समय-सीमा के अंदर इसे पूरा करने को कहा है. झारखंड सरकार ने अदालत में कहा कि राज्य में सिपाहियों की कुल प्रस्तावित संख्या 52943 है और मौजूदा समय में 36636 काम कर रहे हैं. ऐसे में 16307 पद रिक्त हैं, लेकिन 6143 पदों को समाप्त कर दिया गया है और ऐसे में 10159 पद ही रिक्त हैं.