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आश्लेषा ने डुबोया, फाल्गुनी व हस्त नक्षत्र में क्या होगा…

अंदर कॉलोनियों में जमा पानी भी नहीं निकाल सका है नप शहर के लोगों की परेशानी बरकार है. नगर परिषद बार-बार अनुरोध पर भी पंपसेट नहीं लगा रहा है. सहरसा : साल के 27 नक्षत्रों में से आश्लेषा नक्षत्र ने तो अपना प्रभाव दिखा दिया. इस नक्षत्र में हुई बारिश ने कोसी सहित अन्य नदियों […]

अंदर कॉलोनियों में जमा पानी भी नहीं निकाल सका है नप

शहर के लोगों की परेशानी बरकार है. नगर परिषद बार-बार अनुरोध पर भी पंपसेट नहीं लगा रहा है.
सहरसा : साल के 27 नक्षत्रों में से आश्लेषा नक्षत्र ने तो अपना प्रभाव दिखा दिया. इस नक्षत्र में हुई बारिश ने कोसी सहित अन्य नदियों में उफान ला दिया. नदियों ने अपनी क्षमता भर पानी रख बाहर उड़ेल दिया. जिससे आसपास के इलाके में बाढ़ आ गयी और जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया. इस नक्षत्र में हुई बारिश से शहरों में भी आफत आ गयी. बिना बांध टूटे सभी मुहल्लों में सैलाब आ गया. प्रशासन ने नागरिक सुविधा उपलब्ध कराने के अपने दायित्व को निभाते कुछ जगहों पर कच्चा नाला काट वहां जमा पानी को नाला और फिर उससे आगे बहने का रास्ता तो दिखा दिया. लेकिन
वैसे मुहल्लों को उसी दशा में छोड़ दिया. जहां से पानी का स्वत: बहाव नहीं हो सकता है, जहां कच्चे नाले नहीं काटे जा सकते हैं.
तब क्या होगी स्थिति ?
बीते दिनों हुई बारिश के बाद अब तक जब शहर के गली-मुहल्लों की सड़कों पर जमा हुए पानी को नहीं निकाला जा सका है तो फाल्गुनी व हस्त नक्षत्र में निश्चित रूप से होने वाली बारिश से एक बार फिर त्राहिमाम का मचना तय है. अभी इतनी ही बारिश में ऐसे मुहल्लों के घर-घर में पानी घुस गया है. लोगों को मुहल्ले से विस्थापित होना पड़ा है. इन विशेष नक्षत्रों की बारिश उनके लिए भारी आफत बन जायेगी. अभी टखने से लेकर घुटने तक पानी में चलने की नौबत बनी है. तक कमर भर पानी में निकलना होगा. अभी बच्चे संभल-संभल कर स्कूल के लिए निकल रहे हैं. तब महीनों के लिए स्कूल से छुट्टी लेनी होगी. अभी महिलाएं और बुजुर्गों का घर से नकिलना बंद हुआ है. तब वे और भी नहीं निकल पायेंगे. नगर परिषद सहित प्रशासन इस बार पंपसेट लगाने से बचता रहा है. तब भी इससे कोई उम्मीद नहीं बनेगी.
हथिया नक्षत्र में खूब बरसता है पानी
आश्लेषा नक्षत्र के बाद अभी मघा नक्षत्र चल रहा है. कभी कभार बूंदाबांदी के अलावे बारिश की तेज बौछार नहीं पड़ रही है. लेकिन यह सोच कर निश्चिंत हो जाना समझदारी नहीं होगी कि बारिश से परेशानी की बला टल गयी. क्योंकि मेघा के बाद पूर्व फाल्गुनी और उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र बाकी है. इन दोनों नक्षत्र के बाद बारिश के लिए जगजाहिर हस्त नक्षत्र भी आएंगे और इन तीनों नक्षत्र में वे अपनी मिजाज से लोगों को परिचय कराएंगे. बता दें कि हस्त नक्षत्र को ही कोसी इलाके में बोलचाल की भाषा में हथिया नक्षत्र भी कहते हैं. पुराने लोगों का कहना है कि इस नक्षत्र में हाथी के सूढ़ से बौछार की तरह पानी बरसता है.

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