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अरक मध्य विद्यालय का मामला पहुंचा लोक शिकायत निवारण
बक्सर : चक्की प्रखंड स्थित अरक मध्य विद्यालय में मध्याह्न भोजन में गड़बड़ी का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. मध्याह्न भोजन में वसूली के लिए स्थानीय ग्रामीणों ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां परिवाद दाखिल किया है, ताकि एचएम से पूरी राशि वसूली की जा सके. हालांकि विभाग की […]
बक्सर : चक्की प्रखंड स्थित अरक मध्य विद्यालय में मध्याह्न भोजन में गड़बड़ी का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. मध्याह्न भोजन में वसूली के लिए स्थानीय ग्रामीणों ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां परिवाद दाखिल किया है, ताकि एचएम से पूरी राशि वसूली की जा सके.
हालांकि विभाग की ओर से 60 दिनों का मध्याह्न भोजन राशि की वसूली का आदेश डीपीओ मध्याह्न भोजन की ओर से जारी किया गया है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अरक मध्य विद्यालय के प्रभारी हेडमास्टर मदन राम ने अप्रैल, 2014 में पदभार संभाला था. इसके बाद प्रभारी हेडमास्टर की ओर से नामांकन से अधिक मध्याह्न भोजन का रिपोर्ट विभाग को भेजा जा रहा है. प्रभारी एचएम राशि सहित चावल का गबन कर रहे थे. इस बात की शिकायत विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष बनारसी गोंड व स्थानीय ग्रामीण उदय नारायण सिंह ने डीएम सहित डीपीओ मध्याह्न भोजन को किया था. जांच में सभी बातें सच मिली. एचएम मदन राम से स्पष्टीकरण मांगा गया. सही जवाब नहीं देने के बाद डीपीओ मध्याह्न भोजन प्रभारी बृज किशोर सिंह ने 60 दिनों की राशि करीब तीन लाख रुपये वसूली व कार्रवाई का आदेश जारी किया.
मामला पहुंचा लोक शिकायत में
डीपीओ मध्याह्न भोजन प्रभारी के आदेश के विरुद्ध नगर के धोबी घाट निवासी अरविंद कुमार सिंह ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां परिवाद दाखिल किया है. दिये आवेदन में अरविंद कुमार सिंह का कहना है कि प्रभारी एचएम अप्रैल, 2014 से कार्यरत हैं. विशेष जांच के दौरान यह बात सामने आयी है कि इस तरह की गड़बड़ी की जा रही है. बावजूद डीपीओ मध्याह्न भोजन प्रभारी सहित अन्य पदाधिकारी एचएम को बचाते हुए महज 60 दिनों की तीन लाख रुपये की राशि वसूली का आदेश दिये हैं. जबकि करीब चालीस माह तक एचएम ने हेरफेर किया है. जो करीब पचास लाख रुपये से अधिक होता है. हालांकि अब यह मामला जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां है.
आ सकती हैं अन्य गड़बड़ियां सामने : विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यदि विद्यालय में अन्य मदों की जांच की जाये, तो अन्य गड़बड़ियां भी सामने आ सकती हैं. जब एचएम ने नामांकन से अधिक बच्चों की उपस्थिति दिखाई है, तो जाहिर सी बात है कि पोशाक सहित छात्रवृत्ति मद में भी अधिक मांग की होगी. साथ ही प्राप्त राशि का गबन आसानी के साथ किया होगा. जांच के दौरान कई बातें सामने आने की उम्मीद हैं. वहीं, इस मामले के खुलासे से अन्य स्कूलों में भी हड़कंप मच गया है.
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