बिहार बोर्ड कर्मचारी संघ के संयोजक अरुण कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग ने इन कर्मियों को अवैध बता कर सेवा मुक्त किया है, जबकि वर्ष 2014 के सहायक अभियंता समायोजन संकल्प संख्या 596 में यह स्पष्ट है कि संकल्प संख्या 413 के अलोक में बिहार इंटरमीडिएट शिक्षा परिषद के 379 कर्मियों का समायोजन किया गया है. शेष 248 कर्मियों के समायोजन के संबंध में निर्णय लिया जाना था. ऐसे में गलत आधार पर कर्मियों को सेवा मुक्त किया गया है.
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सेवा से मुक्त कर्मचारियों ने की अपील, कहा-पुन: बहाल करें
पटना: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से इंटर संभाग में कार्यरत 187 तदर्थ और दैनिक कर्मचारियाें ने समिति द्वारा सेवा से मुक्त किये जाने के बाद सरकार से पुन: सेवा बहाल करने की अपील की है. कर्मचारियों ने बताया कि अचानक सेवा से मुक्त कर दिये जाने से हमारे बच्चे सड़क पर आ जायेंगे. […]
पटना: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से इंटर संभाग में कार्यरत 187 तदर्थ और दैनिक कर्मचारियाें ने समिति द्वारा सेवा से मुक्त किये जाने के बाद सरकार से पुन: सेवा बहाल करने की अपील की है. कर्मचारियों ने बताया कि अचानक सेवा से मुक्त कर दिये जाने से हमारे बच्चे सड़क पर आ जायेंगे. उनकी पढ़ाई-लिखाई बंद हो जायेगी.
जब हम रिटायर के करीब पहुंच गये हैं, तब सरकार ने हमें सेवा से मुक्त कर दिया है. महिला कर्मचारी मृदुला कुमारी ने बताया कि पति दिव्यांग हैं. इस नौकरी के सहारे बच्चे और परिवार को चला रही थी. पर अचानक अब 45 वर्ष की उम्र में सेवा से मुक्त कर दिया गया है. इससे पूरे परिवार के सड़क पर आ जाने की नौबत आ गयी है. इतना ही नहीं बीते छह महीने से वेतन नहीं मिलने से पहले से आर्थिक तंगी की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में सरकार से यह अपील है कि वह एक बार हमारे परिवार के बारे में सोचे और पुन: हमें सेवा में बहाल करे.
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