पटना : सीएम हाउस के बाहर प्रतिबंधित क्षेत्र से जदयू नेता शरद यादव के काफिला गुजरने के दौरान उनके समर्थकों की ओर से हंगामा किया गया. साथ ही समर्थक वहां उपस्थित जदयू कार्यकर्ताओं से भिड़ गये, जिसके बाद दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की और मारपीट हुई. इस दौरान मीडियाकर्मियों से भी बदतमीजी और धक्का-मुक्की की गयी. इलाका कुछ देर के लिए रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. लाठी-डंडे युक्त बैनर लिये शरद यादव समर्थकों ने नारेबाजी भी की और सीएम हाउस में प्रवेश करने का प्रयास भी किया. इतना होने तक पुलिस मूकदर्शक बनी रही और फिर सक्रिय हुई और स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया. पुलिस ने हंगामा कर रहे युवकों को वहां से हटा दिया.
इस दौरान रुक-रुक कर दोनों पक्षों के बीच मारपीट होती रही. सीएम हाउस के सामने के बाद राजभवन के सामने भी शरद यादव के समर्थकों ने हंगामा किया. इसी बीच शरद यादव और उनके साथ रही पुलिस एस्कॉर्ट की टीम और अन्य समर्थकों का काफिला उधर से गुजरा और सीधे बेली रोड की ओर निकल गया. यह घटना शनिवार को उस समय हुई, जब जदयू कार्यकारिणी की बैठक सीएम हाउस के अंदर चल रही थी और सीएम नीतीश कुमार भी मौजूद थे.
घटना की जानकारी मिलने पर एसएसपी मनु महाराज, सिटी एसपी मध्य अमरकेश डी और काफी संख्या में पुलिस बल वहां पहुंच गये थे और मामले की छानबीन में जुट गये थे. इधर, इस मामले को जोनल आइजी नैय्यर हसनैन खां ने काफी गंभीरता से लिया है और एसएसपी मनु महाराज से इस पूरे घटनाक्रम की 24 घंटे के अंदर जांच कर सोमवार को रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. साथ ही उन्होंने उस इलाके में कार्यकारिणी की बैठक को लेकर किये गये सुरक्षा इंतजाम की भी जानकारी मांगी है.
हुड़दंगई से संभालना चाहते हैं कमान : सीएम
मुख्यमंत्री आवास व राजभवन के बाहर उपद्रवियों के हो हंगामे को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गलत ठहराया है. उन्होंने कहा कि वे तो मीटिंग में थे. मीटिंग के बाद उन्हें जानकारी मिली कि कुछ छोकरा लोगों ने हुड़दगई की है. अब लोग इन हुड़दंगई छोकरों के दम पर बिहार की कमान संभालना चाहते हैं. लेकिन बिहार के लोग सोच समझ कर फैसला लेते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ लोग झगड़ा करेंगे और हमें उकसाने का प्रयास करेंगे, लेकिन उकसने वाले नहीं हैं. कुछ लोग हताशा में हैं और अभी और हताश होंगे. सत्ता हाथ से गयी है, उसका उन्हें मलाल है.
किया था पूरा इंतजाम लेकिन हो गया फेल
इस संबंध में आइजी ने मामले की जानकारी ली, तो उन्हें यह पता चला है कि बैठक की सुरक्षा को लेकर एसएसपी ने विस्तृत आदेश निकाला था और हर प्वाइंट पर जवानों की तैनाती की गयी थी और एक सिटी एसपी व एक एएसपी रैंक के अधिकारी को मॉनीटरिंग के लिये लगाया गया था. लेकिन, इतनी प्लानिंग और सुरक्षा के बावजूद प्रतिबंधित क्षेत्र से शरद यादव के समर्थकों का काफिला सीएम हाउस के सामने से गुजर गया, यह पुलिस पदाधिकारी और जवानों की कार्यशैली पर एक सवालिया निशान है. सूत्रों के अनुसार सिटी एसपी वेस्ट रवींद्र कुमार, पटना सिटी डीएसपी हरिमोहन शुक्ला, सचिवालय डीएसपी अशोक चौधरी और पालीगंज एएसपी मिथिलेश कुमार समेत 80 जवानों की वहां ड्यूटी लगायी गयी थी.
कुछ युवक पकड़े गये, फिर सत्यापन कर छोड़ा
इस हंगामे के बाद पुलिस ने तुरंत ही सीएम हाउस व उसके आसपास के इलाके में सुरक्षा को सख्त कर दिया और गश्ती शुरू कर दी गयी. इस दौरान चिड़ियाखाना के गेट संख्या दो पर छात्रों के एक ग्रुप को देख कर पुलिस ने उन लोगों को भी पकड़ लिया और थाने ले आयी. जहां सत्यापन करने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया. जोनल आइजी नैय्यर हसनैन खां ने बताया कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की जायेगी और उस इलाके में लगे तमाम सीसीटीवी कैमरे के वीडियो फुटेज को खंगाला जायेगा. अभी तक जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार हर जगह पर पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. लेकिन, इसके बावजूद काफिला अंदर प्रवेश कर गया. इसका साफ अर्थ है कि जिन पुलिस पदाधिकारियों की ड्यूटी लगायी गयी थी वे मुस्तैद नहीं थे या अपने जगह पर नहीं थे. उन्होंने बताया कि पूरे मामले की जांच करने का निर्देश एसएसपी को दिया गया है और उनसे 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी गयी है. इसमें किन पुलिस पदाधिकारियों की ड्यूटी में कोताही है, इस संबंध में भी जानकारी मांगी गयी है और यह तय है कि इस मामले में कई पुलिसकर्मियों पर कड़ी-से-कड़ी कार्रवाई हो सकती है. जोनल आइजी ने कहा कि एसएसपी को यह भी निर्देश दिया गया है कि जिनकी भी इस मामले में कोताही सामने आती है, उन पर अपने स्तर पर भी कार्रवाई करें और अगर उनके अधिकार स्तर में न हो, तो वे तुरंत ही उन लोगों के नामों की अनुशंसा कर रिपोर्ट को मेरे पास भेजे.
क्या इसके लिए ट्रैफिक व्यवस्था दोषी है?
शरद यादव जब पटना एयरपोर्ट से बाहर निकले, तो उनके जाने के लिए कौन सा रास्ता तय किया गया था या फिर नहीं किया गया था. इस संबंध में भी आइजी ने रिपोर्ट मांगी है. इसके अलावा एयरपोर्ट के समीप पटेल गोलंबर पर भी फोर्स की तैनाती रहती है और उस पूरे इलाके में हर जगहों पर जवानों की तैनाती रहती है. इसके बावजूद पटेल गोलंबर से शरद यादव के समर्थकों का काफिला एक अणे मार्ग की ओर कैसे प्रवेश कर गया और काफिला को कहीं नहीं रोका गया. काफिला सीएम हाउस के सामने से गुजर गया. इसके पहले शनिवार को पटना एयरपोर्ट पर भी शरद और नीतीश समर्थक आपस में भिड़ गये थे.