भौंरा : भौंरा के गौरखूंटी स्थित एक छोटे से कस्बे से निकल कर कम समय में ही धीरेन रवानी ने अच्छी पहचान बना ली थी. भौंरा के गौरखूंटी निवासी गुरुदयाल रवानी के पुत्र धीरेन रवानी पांच भाइयों में चौथे नंबर पर थे. धीरेन अपनी पत्नी पिंकी रवानी, बेटी निशा (18) व बेटे निशांत धीरेन रवानी (14) के साथ बैंकमोड़ के मिठू रोड स्थित बालाजी मैजिस्टिक बिल्डिंग में रहते थे. वर्ष 2008 में धीरेन रवानी ने ननबैंकिंग कंपनी रेनबो की स्थापना की, जिसका कार्यक्षेत्र झारखंड व बिहार समेत सात राज्यों में फैला. करीब एक लाख लोग इससे जुड़े.
बाद में रेनबो को ननबैंकिंग कंपनी से रेनबो मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी का रूप दिया. रेक्सिमा डिजिटल नामक एक कंपनी के भी संचालक थे. साथ ही हाल के दिनों में आयुर्वेदिक दवा के उत्पाद के क्षेत्र में भी उतरे थे. धीरेन रवानी का बैंकमोड़ के ओजोन प्लाजा में रेनबो रिजेंसी नामक होटल भी है. फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी सक्रिय रहे. मृदुभाषी व मिलनसार स्वभाव के धीरेन रवानी के कई नेताओं व अधिकारियों से घनिष्ठ संबंध थे. मंत्री अमर बाउरी, पूर्व मंत्री मथुरा महतो, विधायक ढुलू महतो समेत कई नेताओं के धीरेन रवानी करीबी थे.
घरवालों को मौत की सूचना नहीं
धीरेन रवानी की मौत की सूचना उनके घरवालों को रात 11.30 बजे तक नहीं दी गयी थी. घर वालों को घायल होने की ही सूचना थी. घर का माहौल गमगीन था. परिजन पुलिस वालों को ही कोस रहे थे. उनका कहना था कि पुलिस अगर सक्रिय रहती तो यह घटना ही नहीं घटती. कुणाल जब दो दिनों से धनबाद में घूम रहा था तो उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?
फर्जी निबंधन मामले में कोर्ट से हुए थे बरी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से बिना निबंधन के सोसाइटी चलाये जाने के मामले में रेनबो मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के चेयरमैन धीरेन रवानी को कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया था. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) कोर्ट ने वाद संख्या 850–2014 में अपना फैसला सुनाया. बैंक मोड़ थाना में दर्ज इस मामले में धीरेन रवानी के अलावा पांच अन्य को आरोपी बनाया गया था.
सभी पर बिना निबंधन के नन बैंकिंग कंपनी चलाने का आरोप लगा था. झारखंड सरकार के सांस्थिक वित्त व कार्यान्वयन विभाग के निर्देश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. बाद में इस मामले में धीरेन रवानी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. धीरेन रवानी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा था कि कानून की जीत हुई है. न्यायालय पर पूरा भरोसा है. रेनबो ग्रुप के हजारों सदस्यों के भरोसे की जीत हुई है. इस मामले में उन्हें किसी से कोई गिला-शिकवा नहीं है.
पुराने विवाद में की गयी हत्या : एसएसपी
एसएसपी मनोज रतन चोथे ने कहा कि पुराने पारिवारिक विवाद के सिलसिले में धीरेन रवानी की हत्या की गयी है. धीरेन के भतीजा कुणाल रवानी उर्फ गोलू रवानी ने गोली मारकर हत्या की है. आक्रोशित लोगों ने घटनास्थल पर कुणाल को मारपीट कर गंभीर रुप से जख्मी कर दिया. पुलिस ने कुणाल को आक्रोशित लोगों से बचा कर हॉस्पिटल में भरती कराया, जहां उसकी मौत हो गयी.
धीरेन की हत्या, पुलिस की विफलता : राज
विधायक राज सिन्हा ने रेनबो ग्रुप के संरक्षक धीरेन रवानी की हत्या की कड़ी निंदा करते हुए इसे जिला पुलिस की विफलता बतायी है. कहा कि धनबाद में लगातार आपराधिक घटनाएं घट रही हैं. कई हत्याएं हो चुकी हैं. पुलिस का खौफ खत्म हो गया है. यह चिंता की बात है. पुलिस इस हत्याकांड में शामिल लोगों को अविलंब गिरफ्तार करे.
घटना दुर्भाग्यपूर्ण : नीलकंठ
चंद्रवंशी समाज व भाजपा के नेता नीलकंठ रवानी ने भौंरा की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए पुलिस से इसकी तह तक जाने की मांग की है. कहा है कि धीरेन रवानी समाज के बड़े नेता थे.
समाज को अपूरणीय क्षति हुई है.
दो दिन पहले ही भौंरा आया था कुणाल
रेनबो ग्रुप के मालिक धीरेन रवानी की हत्या करने वाला कुणाल रवानी भी लंबे अर्से से फरार चल रहा था. उस पर कई आपराधिक मामले लंबित थे. बताया जाता है कि कुणाल भी दो दिन पहले ही मनसा पूजा में शामिल होने भौंरा आया था. उसका छोटा भाई करण रवानी एवं परिवार के अन्य सदस्य घटना के बाद से फरार हैं. पुलिस की एक टीम शंकर रवानी के घर गयी. लेकिन, वहां कोई नहीं मिला. शंकर रवानी खुद जेल में बंद है.