नयी दिल्ली: इन्फोसिस के सीईओ विशाल सिक्का के इस्तीफे के मामले में खुद पर लगे आरोपों से ‘व्यथित ‘ कंपनी के सह संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति ने आज कहा कि वे ‘कोई धन, अपनी संतान के लिए पद या अधिकार ‘ नहीं मांग रहे हैं. इन्फोसिस के सीईओ विशाल सिक्का ने निदेशक मंडल और एनआर नारायणमूर्ति की अगुवाई में कंपनी के कुछ चर्चित संस्थापकों के साथ बढती कटुता बढने के बीच आज अप्रत्याशितरूप से इस्तीफा दे दिया. कंपनी के बोर्ड ने इस मामले में नारायणमूर्ति पर निशाना साधते हुए कहा है कि नारायणमूर्ति के लगातार हमलों के चलते ही सिक्का ने इस्तीफा दिया है.
नारायणमूर्ति ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि उनकी चिंता प्राथमिकरूप से इन्फोसिस में कंपनी कामकाज में ‘मानकों में गिरावट ‘ को लेकर है.
लगातार हमलों के बीच काम करना मुश्किल हो गया था : सिक्का
इसके साथ ही उन्होंने कुप्रबंधन के सभी आरोपों में कंपनी को क्लीनचिट देने वाली जांच पर भी सवाल लगाया. सिक्का के इस्तीफे के बाद बोर्ड नेकड़े शब्दों में एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि नारायणमूर्ति के लगातार हमलों के चलते ही सिक्का ने इस्तीफा दिया है. बोर्ड का कहना है कि नारायणमूर्ति ने लगातार ऐसी ‘अनुचित मांगें ‘ रखीं जो कि मजबूत कंपनी संचालन व्यवस्था की उनकी घोषित मंशा के खिलाफ हैं. नारायणमूर्ति ने ईमेल से जारी किए गए एक बयान में कहा है – इनफोसिस बोर्ड द्वारा लगाये गये आरोपों, उसकी भाषा से बहुत व्यथित हूं … आरोपों का सही तरीके से, सही मंच पर और सही समय पर जवाब दूंगा.
वहीं इन्फोसिस के चेयरमैन आर शेषासायी ने नारायणमूर्ति के आरोपों के जवाब में कहा है – यह कहना समझ से परे है कि जानी मानी कानूनी और आडिट फर्में बोर्ड के साथ साठगांठ करेंगी, सीईओ के ‘गलत कार्यों ‘ को नजरंदाज करेंगी और क्लीन-चिट वाली रिपोर्ट देंगी.
कौन हैं विशाल सिक्का की जगह लेने वाले इन्फोसिस के नये बॉस प्रवीण राव?
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