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बोकारो महिला कॉलेज: कहीं वेतन का टेंशन, तो कहीं फॉर्म भरने का

सेक्टर तीन : 29 जुलाई से बाधित है शिक्षण कार्य बोकारो: सेक्टर 03 स्थित बोकारो महिला कॉलेज. कॉलेज में प्रवेश करते ही प्रोफेसर कतारबद्ध बैठे नजर आये. विद्यार्थी क्लास रूम में सेल्फ स्टडी करते व नन टिचिंग स्टाफ सेमेस्टर 04 के लिए फाॅर्म भरते. कॉलेज में यह नजारा पिछले 19 दिनों से दिख रहा है. […]

सेक्टर तीन : 29 जुलाई से बाधित है शिक्षण कार्य
बोकारो: सेक्टर 03 स्थित बोकारो महिला कॉलेज. कॉलेज में प्रवेश करते ही प्रोफेसर कतारबद्ध बैठे नजर आये. विद्यार्थी क्लास रूम में सेल्फ स्टडी करते व नन टिचिंग स्टाफ सेमेस्टर 04 के लिए फाॅर्म भरते. कॉलेज में यह नजारा पिछले 19 दिनों से दिख रहा है. कारण प्रोफेसरों को पांचवां वेतन आयोग के अनुसार वेतन चाहिए. जबकि कॉलेज प्रबंधन खाली खजाना की दुहाई दे रहा है. प्रोफेसरों का वेतन पिछले 28 माह से बकाया है.
कॉलेज समिति की बैठक का निर्णय स्वीकार नहीं : मामला निष्पादन के लिए कॉलेज समिति की बैठक पिछले दिनों बुलायी गयी. इसमें बकाया भुगतान का निर्णय लिया गया. बैठक में 05वां वेतन आयोग के अनुसार वेतन भुगतान को लेकर भी बात हुई. कॉलेज में मौजूदा राशि का हवाला दिया गया. प्राचार्या ने कहा : सरकार की ओर से 60 लाख रुपया भुगतान किया गया है़ इस राशि से पहले टीचिंग व नन-टीचिंग स्टाफ का बकाया भुगतान किया जायेगा. इसके बाद यदि पैसा बचेगा, तो प्रोफेसर को अप्रैल 2016 से एरियर के रूप में 05वां वेतन आयोग के अनुसार वेतन का भुगतान होगा. इसमें कुछ वक्त लग सकता है. इस बात को प्रोफेसर मानने से इनकार कर रहे हैं.
कॉलेज के पास पर्याप्त फंड : प्रोफेसर
प्रोफेसरों की माने तो कॉलेज के पास पर्याप्त फंड है़ सरकार की ओर से आये 60 लाख रुपये से ही प्रोफेसरों की मांग पूरी की जा सकती है. इसके अलावा कॉलेज का अपना फंड भी है, जो छात्राओं के ट्यूशन फी के रूप में कॉलेज में आता है. अगर भुगतान करने की मंशा हो तो, मांग पूरी हो सकती है. लेकिन, न जाने किस वजह से मांग को तरजीह नहीं दी जा रही है. जहां तक कॉलेज समिति की बैठक की बात है, वहां प्रोफेसरों का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं रहता. इस कारण उस बैठक के निर्णय को माना नहीं जा सकता.
नन टीचिंग स्टाफ की अपनी दलील
नन टीचिंग स्टाफ इस मामला में प्राचार्या के पक्ष में दिख रहे हैं. नन टीचिंग यूनियन के सचिव विपिन कुमार पाठक ने कहा : पहले बकाया का भुगतान करने की जरूरत है. इसके बाद आगे की रणनीति बनानी चाहिए. पहले ही स्टाफ आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में विलंब करना नुकसानदेह है. ऐसा ना हो कि ज्यादा के चक्कर में बकाया भुगतान में भी विलंब हो. नन टीचिंग स्टाफ का वेतन 40 माह से बकाया है.

सितंबर में आयेगी यूजीसी की टीम
प्राचार्या डॉ सुनीता सिन्हा ने बताया : कॉलेज का निरीक्षण करने के लिए यूजीसी की टीम 18-19 सितंबर को आयेगी. ऐसे में प्रोफेसरों का कार्य बहिष्कार चुनौती है. साथ ही चौथे सेमेस्टर की परीक्षा के लिए फाॅर्म भरा जा रहा है. 742 छात्राएं इस बार परीक्षा में शामिल होंगी. प्रोफेसरों का कार्य बहिष्कार छात्राओं के परीक्षाफल को प्रभावित कर सकता है.
बीएस सिटी कॉलेज : फाॅर्म भरने को ले हुई फजीहत
बोकारो स्टील सिटी कॉलेज में परीक्षा फाॅर्म (स्नातक सेमेस्टर चार) भरने को लेकर सुबह से विद्यार्थी परेशान रहे. विद्यार्थी, प्राचार्य व विभागाध्यक्ष (इतिहास) के साथ कई बार लगातार बैठक हुई. बीच-बीच में प्राचार्य डॉ महेंद्र मिश्र ने विश्वविद्यालय से मामले को लेकर संपर्क भी किया. नतीजा कुछ नहीं निकला. विभागाध्यक्ष डॉ माधुरी कुमारी ने साफ-साफ कह दिया, जो विद्यार्थी फेल हैं व जिनकी 75 प्रतिशत उपस्थिति नहीं है. वे फाॅर्म नहीं भर सकते हैं. एक्सट्रा क्लास करने के बाद 75 प्रतिशत उपस्थिति के बाद भी फाॅर्म भरने की इजाजत दी जा सकेगी.
परीक्षा फाॅर्म भरने दें या टीसी दें : डॉ माधुरी ने कहा : परीक्षा फाॅर्म भरने की समय सीमा (17 अगस्त) के बाद विवि द्वारा निर्धारित विलंब शुल्क जमा करना होगा. जबकि विद्यार्थी इस बात पर अड़े रहे कि विलंब दंड शुल्क नहीं देंगे. विद्यार्थियों का कहना था कि कॉलेज प्रबंधन परीक्षा फाॅर्म भरने दे या एकमुश्त सभी विद्यार्थियों को टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) जारी कर दे. सुबह 10 बजे से ढाई बजे तक विद्यार्थी अपनी मांग पर अड़े रहे, जबकि कॉलेज प्रबंधन लगातार विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के निर्देश का हवाला दिया. अपनी विवशता बतायी.
कुलपति के निर्देश का भी नहीं किया जा रहा है पालन
छात्र नेता सुमन कुमार, रोहित राय, पार्थ विजय कुमार व विद्यार्थियों ने कहा : कॉलेज प्रबंधन की मनमानी है. केवल इतिहास विभाग में ही विद्यार्थियों को फाॅर्म भरने से रोका जा रहा है. अन्य किसी भी विषय के विभाग में कोई रोक टोक नहीं की गयी है. इतिहास आॅनर्स में कुल 180 विद्यार्थियों ने नामांकन कराया है. केवल 23 विद्यार्थियों का ही फाॅर्म भरा गया है. अन्य विद्यार्थियों को रोक दिया गया है. अधिकांश विद्यार्थियों को फेल किया गया है. साथ ही उपस्थिति भी कम दिखायी गयी है. प्राचार्य डॉ मिश्र किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं. जबकि 11 अगस्त को कुलपति डॉ रमेश शरण ने परीक्षा फाॅर्म भरने का निर्देश दिया था. इसका भी पालन नहीं किया जा रहा है. हम छात्र लेट फाइन क्यों देंगे.
किसी विद्यार्थी के साथ कोई भेद-भाव नहीं किया गया है. इतिहास विभाग में कुल 180 विद्यार्थियों का नामांकन है. लगभग 25 विद्यार्थी लगातार कक्षा करते हैं. उसी के आधार पर उन्हें परीक्षा फाॅर्म भरने दिया गया है. अन्य विद्यार्थियों में कई फेल हैं, तो कई की उपस्थित मापदंड के अनुसार नहीं है. ऐसी स्थिति में परीक्षा फाॅर्म कैसे भरने दिया जा सकता है.
डॉ माधुरी कुमारी, विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग
बोकारो स्टील सिटी कॉलेज, बोकारो
कुलपति ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि 75 प्रतिशत उपस्थिति से किसी भी हाल में समझौता नहीं किया जायेगा. फॉर्म भरने से किसी को कोई नहीं रोक रहा है. विवि के मापदंड के अनुसार काम किया जा रहा है. विद्यार्थियों को भी कॉलेज प्रबंधन के निर्देशों का पालन करना चाहिए. ताकि कॉलेज की गरिमा बनी रहे. विद्यार्थियों के लिए ही हमलोग बैठे हैं. एक्स्ट्रा क्लास विद्यार्थियों को करना होगा.
डॉ एम मिश्र, प्राचार्य, बोकारो स्टील सिटी कॉलेज, बोकारो

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