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टाटा वर्कर्स यूनियन: अध्यक्ष ने सौंपा कोर्ट में जवाब, सही तरीके से लागू हुआ नया संविधान

जमशेदपुर : टाटा वर्कर्स यूनियन के चुनाव में गड़बड़ी और नये संविधान के तहत तीन साल पर चुनाव कराने के विरोध में दायर याचिका पर हाइकोर्ट में 22 अगस्त को सुनवाई होगी. हाइकोर्ट ने टाटा वर्कर्स यूनियन को 17 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. इसके आलोक में अध्यक्ष आर रवि प्रसाद […]

जमशेदपुर : टाटा वर्कर्स यूनियन के चुनाव में गड़बड़ी और नये संविधान के तहत तीन साल पर चुनाव कराने के विरोध में दायर याचिका पर हाइकोर्ट में 22 अगस्त को सुनवाई होगी. हाइकोर्ट ने टाटा वर्कर्स यूनियन को 17 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. इसके आलोक में अध्यक्ष आर रवि प्रसाद के हस्ताक्षर से यूनियन ने अपना जवाब सौंप दिया है. इसमें अध्यक्ष ने कहा है कि नये संविधान को बकायदा आमसभा, कमेटी मेंबरों और अन्य लोगों का सुझाव लेने के बाद बनाया गया था. उसे आमसभा से पारित कराया गया था. इसके बाद श्रमायुक्त सह ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार के पास भेजा गया था. ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार ने इसको रजिस्टर बी में दर्ज कर कहा है कि तत्काल प्रभाव से नये संविधान को लागू किया जाये. इसके आलोक में ही नये संविधान को लागू किया गया है.

नये संविधान को लागू करने के बाद उपचुनाव भी समय- समय पर कराया जाता रहा है, जिसमें पूरी पारदर्शिता भी बरती गयी है और सारे कार्य को कमेटी मेंबरों से हाउस में मंजूरी लेने के बाद ही पारित कराया गया है. इस प्रकार सही तरीके से संविधान को लागू किया गया है, उसमें किसी तरह का नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है. जवाब सौंपे जाने की पुष्टि अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने भी की है.
महासचिव केस में पार्टी, अध्यक्ष ने सौंपा जवाब : इस केस में सबसे रोचक बात यह है कि महासचिव बीके डिंडा के नाम पर केस दायर किया गया था. लेकिन, अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने जवाब सौंपा है. इस केस में यूनियन की ओर से पार्टी महासचिव हैं. ऐसे में अध्यक्ष ने जवाब कैसे सौंपा है? कानूनी जानकारों की नजर में यह गलत है. हालांकि, महामंत्री ने बुधवार को कहा था कि उनको नोटिस नहीं मिला है.
क्या है केस
टाटा वर्कर्स यूनियन के चुनाव में को-ऑप्शन और ऑफिस बियररों के चुनाव के दौरान मतगणना के तौर-तरीके पर आपत्ति उठी थी. कमेटी मेंबर भगवान सिंह और अरुण सिंह ने को-ऑप्शन और ऑफिस बियरर्स के चुनाव की मतगणना दोबारा कराने की मांग पर झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. यूनियन अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय भी हाइकोर्ट गये थे. तब वे टाटा वर्कर्स यूनियन के कमेटी मेंबर थे. बाद में रघुनाथ पांडेय ने अपनी याचिका वापस ले ली थी. महामंत्री बीके डिंडा को उच्च न्यायालय में यूनियन का पक्ष रखना है. बीके डिंडा भी सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि ऑफिस बियरर्स के चुनाव में मतगणना का तरीका सही नहीं था. ऐसी परिस्थिति में यूनियन का जवाब याचिका की सुनवाई में मायने रखेगा. टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व कमेटी मेंबर सतीश कुमार और सरोज पांडेय भी झारखंड उच्च न्यायालय की शरण में हैं. टाटा वर्कर्स यूनियन के संविधान में संशोधन हो चुका है. ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार ने संशोधित संविधान को तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश भी दे डाला है. सतीश कुमार और सरोज पांडेय का तर्क है यूनियन की वर्तमान कार्यकारिणी का चुनाव पुराने संविधान के मुताबिक हुआ था जिसमें कार्यकाल दो साल है. नये संविधान के मुताबिक चुनाव हो जाएगा, तभी वह प्रभावी होगा. पुराने संविधान के तहत कार्यकाल समाप्त हो चुका है, ऐसे में तुरंत चुनाव कराया जाये.

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