कटिहार : सदर प्रखंड के भवारा पंचायत में बाढ़ की स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है. हालत यह है कि लोग अस्पताल एवं विद्यालय की छतों पर शरण लेने पर मजबूर हैं. संताली पोखरिया के पीड़ित परिवार अपने घर बार छोड़कर अस्पताल की छत पर रहने को विवश हो गये हैं. पंचायत के टेंगा बाड़ी, संताली पोखरिया, फड़वा टोला आदि जगह पूरी तौर पर जलमग्न हो चुके हैं. हजारों एकड़ में लगी फसलों सहित मवेशी एवं अन्य सामान बाढ़ की भेंट चढ़ गए हैं.
ज्यादातर लोगों ने विद्यालय, सामुदायिक भवन एवं अन्य सरकारी व गैर सरकारी इमारतों की छतों पर शरण ले रखा है. पंचायत के पोखरिया गांव के किसान संजय कुमार झा ने बताया कि पूरा पंचायत बाढ़ में डूब गया है और पीने के पानी समेत मवेशियों के चारे की भारी समस्या उत्पन्न हो गई है.
केबी झा कॉलेज में शरण लिये हैं बाढ़ पीड़ित
शहर के नये इलाकों में लगातार पानी प्रवेश करते रहने से शहर के शिक्षण संस्थानों से लेकर सार्वजनिक स्थलों तक बाढ़ शरणार्थियों की भीड़ बढ़ती जा रही है. शहर के केबी झा कॉलेज में बड़ी संख्या में बाढ़ पीड़ित डेरा डाले हुए हैं, जबकि कॉलेज की उत्तरी दीवार पानी के दबाव से लगभग 20 फीट तक टूट चुकी है. प्राचार्य डॉ मधुकांत झा ने बताया कि कॉलेज परिसर के दो प्रशाल के अतिरिक्त अन्य कमरों में बाढ़ पीड़ितों को शरण दिया गया है. बाढ़ पीड़ितों की बढ़ती संख्या को देख कर यह अनुमान लगाना कठिन नहीं है कि पूरा कॉलेज कैंपस आने वाले दिनों में बाढ़ पीड़ितों से भर जायेगा.
नहर विभाग नहीं कर रहा सहयोग : मेयर विजय सिंह ने कहा कि शहर में बाढ़ आने के बाद नगर निगम सारी शक्ति शहर को बचाने में लगा दिया है. उप मेयर मंजूर खान, नगर आयुक्त अजय कुमार ठाकुर, सहायक अभियंता अमर झा ने बुधवार से ही शहर बचाओ अभियान युद्ध स्तर से कार्य से प्रारंभ कर दिया गया है. शहर के चारों तरफ सुरक्षा कवच के रूप में जाना जाने वाले नहर को और भी पुख्ता किया जा रहा हैं. अब तक 10,000 से अधिक बालू भरकर बोरी नहर के क्षतिग्रस्त भाग में दी गयी है. सभी पदाधिकारियों व कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी गयी है. 1000 से अधिक बालू से भरी बोरियों सुरक्षित रखा गया है. नहर विभाग के कर्मचारी एवं पदाधिकारी इस कार्य में सहयोग नहीं कर रहे हैं.