बाढ़ का कहर. गांव व खेतों में पानी, कल जहां बसती थी खुशियां, आज है वहां वीरानी
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घर, फसल सब बाढ़ में बह गया
बाढ़ का कहर. गांव व खेतों में पानी, कल जहां बसती थी खुशियां, आज है वहां वीरानी सीतामढ़ी : जिले में सैलाब का सितम जारी है. हर तरफ तबाही है. गांव व खेत के बदले पानी है. नजर उठाओ तो दिख रहा है पानी. लोगों की नजरे गिर रही है तो पानी. कहीं बेबसी की […]
सीतामढ़ी : जिले में सैलाब का सितम जारी है. हर तरफ तबाही है. गांव व खेत के बदले पानी है. नजर उठाओ तो दिख रहा है पानी. लोगों की नजरे गिर रही है तो पानी. कहीं बेबसी की पानी है तो कहीं आक्रोश के आंसू. बागमती व अधवारा समूह की नदियों के जारी कहर के बीच बाढ़ ने इलाके की तस्वीर बदल दी है. जहां कल कभी बसती थी खुशियां, वहां मातम ने जगह ले ली है.
गांवों का वजूद मिट गया है. खेत रेगिस्तान में बदल गये है. बैरगनिया प्रखंड के चिकना पंचायत का तकिया गांव. हंसता, खेलता व गुलजार यह गांव अब नदी की धार में बदल गया है. यहां के लोगों का सर्वस्व बाढ़ में बह गया है. खून-पसीने की कमाई से खड़ा आशियाना हो या मेहनत के बल पर खेतों में लगायी गयी फसलें, सब बाढ़ की भेंट चढ़ गयी है. लोग सब कुछ लुटा जिंदगी बचा उसी बागमती नदी के तटबंध पर विस्थापित जिंदगी जी रहे है, जिस तटबंध ने इलाके में कहर बरपाया है.
बदहवासी का यह मंजर किसी एक तकिया गांव की नहीं है. बल्कि बैरगनिया, रून्नीसैदपुर, सुरसंड, बथनाहा, परिहार, सुप्पी व मेजरगंज के इलाकों के दर्जनों गांवों की है. फिलहाल, राहत व बचाव का काम जारी है. लेकिन सैलाब का यह पानी थम नहीं रहा है. रोजाना पानी नये इलाकों में घुस कर कहर बरपा रहा है. अब तक इस बाढ़ में 38 लोगों की जान जा चुकी है. लोग अब भी बांध, रेलवे स्टेशन, रेलवे ट्रैक व अन्य ऊंचे स्थानों पर पनाह लिये हुए है.
खुले आसमान के नीचे नंगी जमीन पर बेबसी व बदहवासी के बीच लोगों की जिंदगी कट रही है. इस दौरान इनसान व पशु के बीच का भी फासला मिट गया है. बाढ़ के पानी के कम होने के साथ ही जहां एक ओर राहत को लेकर आक्रोश की चिनगारी भड़कने लगी है, वहीं दूसरी ओर महामारी के भी सिर उठाने की आशंका बढ़ गयी है. बाढ़ से उत्पन्न संकट पर काबू पाने की प्रशासनिक पहल जारी है, बावजूद इसके बाढ़ के पानी से उत्पन्न हाहाकार के बीच लोगों की जिंदगानी मंझधार में फंस कर रह गयी है.
बाढ़ ने मिटाये दर्जनों गांवों के निशान
नगर परिषद कर रहा राहत सामग्रियों का संग्रह : सीतामढ़ी . भीषण बाढ़ की विभीषिका के चलते तबाह जिंदगियों को राहत देने के लिए नगर परिषद ने भी कमर कस लिया है. सभापति विभा देवी व उपसभापति दीपक मस्करा ने बताया कि पीड़ित परिवारों के साथ पूरा नगर परिषद खड़ा है. बुधवार से ही नगर परिषद की ओर से पार्षदों व अन्य लोगों की टीम बनाकर वाहन के साथ पूरे शहर का भ्रमण किया जा रहा है. इस दौरान लोगों से बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अपील की जा रही है.
उपसभापति दीपक मस्करा ने बताया कि लोगों का अच्छा रिस्पांस भी मिल रहा है. व्यापारियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से मदद मिल रही है, जिसे संग्रह कर बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचाने का काम किया जा रहा है. उपसभापति ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों तक हेलीकॉप्टर व अन्य माध्यमों से राहत सामग्रियों को पहुंचाने के लिए उनके व्यावसायिक प्रतिष्ठान पर दर्जी की नियुक्ति की गयी है, जो दिन-रात राहत सामग्रियों को पैक करने के लिए झोले की सिलाई करने में लगा हुआ है.
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