इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने कहा कि वह कश्मीरी आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन को विदेशी आतंकवादी संगठन करार देने के अमेरिका के फैसले से निराश है और यह कदम पूरी तरह नाजायज है.
अमेरिका ने पाकिस्तान आधारित आतंकवादी सैयद सलाहुद्दीन को वैश्विक आतंकी घोषित करने के करीब दो महीने बाद कश्मीर में सक्रिय उसके संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन को कल विदेशी आतंकी समूह घोषित किया था.
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने यहां अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करने वाले लोगों या समूहों को आतंकवादी घोषित करना पूरी तरह नाजायज है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के फैसले में कश्मीरियों के 70 साल के संघर्ष को संज्ञान में नहीं लिया गया है.
अमेरिका ने हिजबुल मुजाहिदीन को घोषित किया अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन
जकारिया ने कश्मीर की जनता के संघर्ष को पाकिस्तान का नैतिक, कूटनीतिक और राजनीतिक समर्थन दोहराया. हिज्बुल का गठन 1989 में हुआ था और यह जम्मू-कश्मीर में सक्रिय सबसे पुराने और बड़े आतंकी संगठनों में से एक है. इस संगठन ने जम्मू-कश्मीर में हुए कई आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली है.
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जब पूछा गया कि क्या पाकिस्तान इस मामले को अमेरिका के साथ उठाएगा तो जकारिया ने कहा, जब भी दोनों पक्षों की बैठक होती है, हम अपनी तरफ से सारी चिंताएं रखेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘ना तो गोली और ना ही गाली ‘ वाला बयान पाकिस्तान के इस रख की पुष्टि करने वाला है कि कश्मीर का एकमात्र समाधान निष्पक्ष और स्वतंत्र जनमत-संग्रह से संभव है. उन्होंने भारत से अनुरोध किया कि कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र के तथ्यान्वेषी मिशन को अनुमति दें.