नयी दिल्ली : जदयू के बागी नेता शरद यादव द्वारागुरुवारको अपनी ताकत के प्रदर्शन के लिये दिल्ली में आयोजित किये गए सम्मेलन में कांग्रेस और वाम दलों समेत कई विपक्षी नेताओं के पहुंचने की उम्मीद है.शरद यादव ने देश की ‘साझा विरासत’ को बचाने के उद्देश्य से इस सम्मेलन का आयोजन किया है. भाजपा के विरोधी कांग्रेस, वाम दल, समाजवादी पार्टी, बसपा, तृणमूल कांग्रेस और दूसरे दलों को कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है. शरद यादव के इस कार्यक्रम को अपनी पार्टी के मुखिया नीतीश कुमार के भाजपा के साथ गठबंधन करने के फैसले के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है.
Will convene a 'Sajha Virasat Bachao Sammelan' on how to save our composite culture, to be held tomorrow : Sharad Yadav pic.twitter.com/SdOKq5MUhH
— ANI (@ANI) August 16, 2017
यह पूछे जाने पर कि इस बैठक में कौन-कौन शामिल होगा, शरद यादव ने संवाददाताओं से कहा, विपक्ष से बमुश्किल ऐसा कोई होगा जो इसमें नहीं आयेगा. उन्होंने कहा, ‘साझा विरासत’ के संविधान की आत्मा होने की बात पर जोर देते हुये कि ऐसी बैठकों का आयोजन देश भर में किया जायेगा. बिहार के मुख्यमंत्री के भाजपा के साथ गठजोड़ किये जाने के फैसले पर अपनी असहमति से जुड़े सवालों पर जवाब देने से इनकार करते हुये जदयू के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि कल के आयोजन के लिये फैसला हफ्तों पहले लिया गया जब उनकी पार्टी शिथिल विपक्षी समूह का हिस्सा थी.
It will be attended by leaders of the Opposition parties, intellectuals, farmers, dalits and tribals from across the country: Sharad Yadav pic.twitter.com/k6qh9RfEjp
— ANI (@ANI) August 16, 2017
शरद यादव ने कहा, ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ किसी के खिलाफ नहीं बल्कि देशहित में है. यह देश के 125 करोड़ लोगों के हित में है. ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धर्म के नाम पर हिंसा के खिलाफ बयान का समर्थन करते हुये शरद यादव ने कहा कि यह जमीन पर नजर नहीं आता और मोदी को अपनी पार्टी की सरकारों को यह बताने की जरुरत है कि वह उनके आदेशों का पालन करें.
उनके करीबी सूत्रों के मुताबिक इस कार्यक्रम के लिये कांग्रेस से सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अहमद पटेल और गुलाम नबी आजाद के अलावा अन्य को भी निमंत्रण भेजा गया है. इसके अलावा माकपा के सीताराम येचुरी, राजद के लालू प्रसाद यादव, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव समेत अन्य लोगों को सम्मेलन के लिये न्योता भेजा गया है. जदयू ने यादव से इस सम्मेलन का आयोजन नहीं करने को कहा है.
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