अगरतला/नयी दिल्लीः त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने मंगलवार को आरोप लगाया कि दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो (एआइआर) ने स्वाधीनता दिवस पर उनका भाषण तब तक प्रसारित करने से इन्कार कर दिया, जब तक कि वह उसे दोबारा नहीं लिखते. उन्होंने राष्ट्रीय प्रसारणकर्ताओं के इस कदम को अलोकतांत्रिक, निरंकुश और असहिष्णु करार दिया. हालांकि, इस आरोप पर दूरदर्शन और एआइआर की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी.
इस खबर को भी पढ़ियेः त्रिपुरा बना पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा आईटी हब
त्रिपुरा की माकपा सरकार ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि 12 अगस्त को दूरदर्शन और एआइआर ने मुख्यमंत्री का भाषण रिकॉर्ड किया था, लेकिन सोमवार शाम 7 बजे एक पत्र के जरिये मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचित किया गया कि माणिक सरकार के संबोधन को तब तक प्रसारित नहीं किया जा सकता, जब तक वह उसे दोबारा नहीं लिखते.
पत्र में कहा गया कि सक्षम प्राधिकारी ने मुख्यमंत्री के संदेश की बारीकी से जांच की है. मौके की पवित्रता, प्रसारण संहिता और सार्वजनिक प्रसारणकर्ता के दायित्व के मद्देनजर वर्तमान प्रारूप में मुख्यमंत्री के संबोधन को प्रसारित करना संभव नहीं है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपने बयान में दावा किया कि मुख्यमंत्री ने अपने भाषण के एक भी शब्द में बदलाव करने से इन्कार कर दिया. माणिक सरकार का यह भाषण मंगलवार को त्रिपुरा में प्रसारित किया जाना था.
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि दूरदर्शन भाजपा-आरएसएस की निजी संपत्ति नहीं है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह निर्वाचित मुख्यमंत्री समेत विपक्ष की आवाज को खामोश करने के लिए निर्देश दे रहे हैं. पार्टी ने उन सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, जो इस प्रसारण को रोकने के लिए जिम्मेदार हैं.