बीजिंग : अमेरिका और चीन के बीच व्यापार क्षेत्र को लेकर मंगलवारको तनाव और बढ़ गया. चीन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उसके बौद्धिक संपदा कारोबार को लेकर की जा रही अमेरिकी जांच के बाद प्रतिबंध लगाये जाते हैं तो वह भी चुप नहीं बैठेगा. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन की व्यापार नीतियों की जांच का आदेश दिया है. चीन के सहयोगी देश उत्तर कोरिया से निपटने की अमेरिका की परेशानी के बीच यह आदेश दिया गया.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर दिये जिसमें अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइथीजेर को यह जांच करने के आदेश दिये हैं कि क्या चीन की नीतियों से अमेरिकी निवेशकों अथवा कंपनियों के हितों को नुकसान पहुंच रहा है. जांच में यदि ऐसा कुछ सामने आता है तो उसके खिलाफ कदम उठाये जा सकते हैं. ट्रंप ने कहा, ‘हम हर उस देश के समक्ष खड़े होंगे जो गैर-कानूनी तरीके से अमेरिकी कंपिनयों को उनकी कीमती प्रौद्वोगिकी हस्तांतरण के लिए बाजार पहुंच की शर्त लगायेंगे. हम उन नकली और दोयम दर्जे के उत्पादों का मुकाबला करेंगे जो अमेरिकी रोजगार को नुकसान पहुंचायेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘हम काॅपीराइट, पेटेंट, ट्रेडमार्क, व्यापार के गूढ़ रहस्यों और अन्य बौद्यिक संपदाओं, जो कि हमारी सुरक्षा और समृद्धि के लिए बहुत जरूरी हैं, उन्हें सुरक्षित रखेंगे. वाशिंगटन इन बातों के प्रति अब आखें मूंदे नहीं रहेगा.’ लाइथीजेर ने कहा, ‘हम पूरी जांच पड़ताल करेंगे और यदि जरूरी हुआ, तो अमेरिकी उद्योग के भविष्य को बचाने के लिए कार्रवाई करेंगे.’ उधर, चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक वक्तव्य जारी किया है जिसमें गहरी चिंता जताते हुए चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका की तरफ से कोई भी संरक्षणवाद होने से द्विपक्षीय व्यापारिक रिश्तों को नुकसान पहुंचेगा.
वक्तव्य में कहा गया है, ‘यदि अमेरिका की तरफ से कोई कदम उठाया जाता है तो उससे आपसी व्यापार संबंध प्रभावित होंगे. बहुपक्षीय व्यापार नियमों के अनादर और उन्हें नजरंदाज किया जाता है तो चीन चुपचाप नहीं बैठेगा.’ वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि चीन अपने कानूनी अधिकारों और हितों की सुरक्षा के लिए सभी उचित उपायों को करेगा.