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कई पंचायतों में नहीं है पंचायत का अपना भवन
कुर्था अरवल : सरकार भले ही पंचायतों को अधिक से अधिक अधिकार देकर विकासात्मक योजनाओं का कार्यान्वयन करा रही हो परंतु हकीकत यह है कि आज भी प्रखंड के कई पंचायतों में पंचायत भवन नहीं है. मजबूरन पंचायत प्रतिनिधियों को पंचायतों के कार्यों के निबटारे में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में […]
कुर्था अरवल : सरकार भले ही पंचायतों को अधिक से अधिक अधिकार देकर विकासात्मक योजनाओं का कार्यान्वयन करा रही हो परंतु हकीकत यह है कि आज भी प्रखंड के कई पंचायतों में पंचायत भवन नहीं है. मजबूरन पंचायत प्रतिनिधियों को पंचायतों के कार्यों के निबटारे में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में बापू महात्मा गांधी का ग्राम स्वराज का सपना एवं गांवों का समग्र विकास की परिकल्पना अधूरी है.
उक्त प्रखंड में कुल 11 पंचायत है जहां कई पंचायतों में पंचायत भवन नहीं है. जिन पंचायतों में पंचायत भवन है भी तो वहां उपस्करों का अभाव है जिसका पूरा उपयोग भी नहीं हो पा रहा है. प्रतिनिधियों के साथ अन्य लोगों को भी इसके कारण कठिनाइयां हो रही है.
इसकी वजह से पंचायत प्रतिनिधि मानों अपने घर को ही कार्यालय बनाये हैं. इस बाबत पूछे जाने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी विवेक कुमार ने बताया कि प्रखंड के कुल 11 पंचायतों में कहीं पंचायत सरकारी भवन बना है तो कहीं पंचायत भवन तो कुछ पंचायतों में सामुदायिक भवन बने हैं जहां प्रतिनिधि कार्यों का निबटारा करते हैं. कुछ पंचायतों में पंचायत भवन नहीं बने हैं जिस पर कार्य के लिए वरीय अधिकारियों को लिखा जायेगा.
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