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ट्यूशन टीचर, भरत व आजाद निकले मास्टरमाइंड

राहुल हत्याकांड. शिक्षक सहित नौ अपराधी गिरफ्तार, ट्यूशन शिक्षक के कहने पर हुई हत्या भरत व ट्यूशन शिक्षक की गिरफ्तारी के बाद परत-दर-परत खुलता गया घटनाक्रम एक मास्टरमाइंड अब तक फरार, गिरफ्तारी को ले छापेमारी जारी पुलिस को सक्रिय देख अपराधियों ने दिया घटना को अंजाम सीवान : नगर के नया बाजार सीताराम नगर निवासी […]

राहुल हत्याकांड. शिक्षक सहित नौ अपराधी गिरफ्तार, ट्यूशन शिक्षक के कहने पर हुई हत्या
भरत व ट्यूशन शिक्षक की गिरफ्तारी के बाद परत-दर-परत खुलता गया घटनाक्रम
एक मास्टरमाइंड अब तक फरार, गिरफ्तारी को ले छापेमारी जारी
पुलिस को सक्रिय देख अपराधियों ने दिया घटना को अंजाम
सीवान : नगर के नया बाजार सीताराम नगर निवासी व्यवसायी पुत्र विष्णु राज उर्फ राहुल कुमार अपहरण व हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने नौ अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया. इन लोगों के पास से आठ मोबाइल बरामद किये गये हैं. इनमें वह मोबाइल भी शामिल है, जिससे राहुल के पिता राजकुमार प्रसाद उर्फ राजकुमार गुप्ता से 30 लाख की फिरौती मांगी गयी थी. राहुल हत्याकांड का खुलासा एसपी सौरभ कुमार शाह ने रविवार को अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित प्रेसवार्ता में किया. एसपी ने बताया कि इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड राहुल का ट्यूशन टीचर संदीप कुमार, भरत प्रसाद व आजाद अली रहा है.
इसमें संदीप गिरफ्तार हो चुका है. वहीं, भरत को एक दिन पहले ही जेल भेज दिया गया. वहीं तीसरे मास्टरमाइंड आजाद अली की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. जिन नौ अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें गोपालगंज जिले के मीरगंज थाने के जिगना गांव का धनंजय उर्फ भज्जू, बड़का जिगना का राज किशोर सिंह उर्फ सिंघानिया, मीरगंज थाने के ही बसंतपुर गांव का दीपू कुमार, प्रभुनाथ साहनी, आकिब अंसारी, बसंती देवी शामिल हैं. साथ ही गोपालगंज थाने के डुमरिया गांव के अब्दुल्लाह अंसारी के साथ ही हथुआ थाने के मनी छापर गांव निवासी सिम विक्रेता विकास कुमार प्रसाद व सीवान नगर थाने के नया बाजार निवासी ट्यूशन टीचर संदीप कुमार को गिरफ्तार किया गया है.
इन सभी ने अपहरण व हत्याकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए कांड का खुलासा किया है. एसपी ने बताया कि नौ अगस्त की शाम दुकान के लिए राहुल के घर से निकलने पर ट्यूशन मास्टर संदीप कुमार भी उसके साथ हो लिया.
वहां से वे दोनों अस्पताल मोड़ पर पहुंचे, जहां से आरोपित भरत प्रसाद व संदीप ने मिलकर खड़ी बोलेरो पर राहुल को बैठा दिया. वहां से भरत, आजाद अली उसे लेकर जिगना के राज किशोर सिंह के घर पहुंचे. राजकिशार को इन लोगों ने पांच लाख का लालच देकर बच्चे को एक रात रखने को कहा. बच्चा रात में वहीं सो गया, फिर अगले दिन इसे बसंतपुर निवासी लालबाबु के घर रखा गया.
मास्टर संदीप की पल-पल पर नजर पर नजर थी और वह हर मामले की जानकारी दे रहा था. बच्चे ने भरत और संदीप को पहचान लिया था और पुलिस का दबाव बढ़ रहा था. साथ ही मीडिया में भी यह मामला सुर्खियों में था. इसके बाद इनलोगों ने बच्चे को मार डालने का फैसला कर लिया और 11 अगस्त की अहले सुबह हत्या कर राहुल की लाश अमलोरी सरसर में सड़क किनारे फेंक दी. राहुल हत्याकांड को 48 घंटे के अंदर खुलासा करने की सफलता एएसपी कार्तिकेय शर्मा के नेतृत्व में एसपी द्वारा गठित टीम को मिली है.
इसमें नगर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार, मुफस्सिल थानाध्यक्ष विनय प्रताप सिंह, मैरवा थानाध्यक्ष पूनम कुमारी, सराय प्रभारी अभिजीत कुमार, महादेवा ओपी प्रभारी फैराज हुसैन, एसआइटी प्रभारी मनोज कुमार के साथ ही एसआइटी के शंभू सिंह, नगर थाने के एसआइ सरोज कुमार, शाहिद हुसैन, अमित कुमार, चंद्रशेखर आजाद व जय नारायण राम शामिल रहे.
सीवान. नगर थाने के नया बाजार निवासी राज कुमार गुप्ता के पुत्र राहुल के अपहरण व हत्याकांड के बाद शहर में आक्रोश का माहौल था. आक्रोशित लोगों ने तीन घंटे तक सड़क जाम कर दिया था. राहुल के परिजन व विरोध कर रहे लोगों ने पुलिस को 48 घंटे का अल्टिमेटम दिया था.
48 घंटे के अंदर मामले का खुलासा नहीं होने की स्थिति में बड़े आंदोलन की बात कही थी. इसके बाद से पुलिस पर काफी दबाव बढ़ गया था. एसपी ने मामले के खुलासे के लिए एएसपी कार्तिकेय शर्मा के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया था और हर हाल में रविवार की सुबह तक खुलासा करने का आदेश दिया था. यह मामला पुलिस के लिए भी नाक का सवाल था.
लालबाबू के घर हुई थी राहुल की हत्या : अपहरण के दूसरे दिन ट्यूशन टीचर संदीप ने फोन पर अपहर्ताओं से कहा कि राहुल अपहरणकांड की काफी चर्चा है. पुलिस भी काफी एक्टिव है, राहुल के पिता भी फिरौती का पैसा देने के मूड में नहीं हैं. राहुल ने भी हमलोगों को पहचान गया है.
अब उसे मार देने में ही हमारी भलाई है. नहीं तो बच्चा हमें फंसा देगा. संदीप ने कहा कि बच्चे को मारकर फेंक दो. फिर गुरुवार की रात्रि लालबाबू, दीपू और आजाद अली ने मिल कर राहुल की हत्या कर दी. अपहरण की रात राज किशोर के घर रखने के बाद गुरुवार की शाम लालबाबू के घर बसंतपुर लेकर पहुंचे और वहीं राहुल की हत्या कर सात किलोमीटर दूर मुफस्सिल थाने के अमलोरी सरसर में शव को पिकअप पर लाद कर फेंक दिया.
संदीप की गिरफ्तारी से खुलता गया राज
भरत की गिरफ्तारी व रंगदारी वाले मोबाइल की पड़ताल से पुलिस हत्याकांड के खुलासे की ओर बढ़ रही थी. इसी बीच मामले की मॉनीटरिंग के दौरान शनिवार की शाम एसपी सौरभ कुमार शाह ने राहुल के परिवार के नजदीकी ट्यूशन टीचर को उठा कर पूछताछ का आदेश दिया. फिर पुलिस टीम ने ट्यूशन टीचर संदीप कुमार को उठा कर कड़ाई से पूछताछ शुरू की, तो एक-एक कर इस मामले के राज खुलते गये. इसमें शामिल कुल नौ अपराधियों की गिरफ्तारी से यह पूरा मामला खुल गया.
ट्यूटर को मिलना था 3 लाख, तो भरत को 2.50 लाख : राहुल के ट्यूशन मास्टर संदीप की इस अपहरणकांड में बड़ी भूमिका रही थी और उसके बल पर ही उसका अपहरण संभव हो सका था. फिर इनके बीच डीलिंग के अनुसार फिरौती रकम में से तीन लाख संदीप को व अपहरणकर्ता भरत प्रसाद को 2.50 लाख रुपये मिलना था. अपहरणकर्ता राहुल के परिवार को काफी धनी मानकर चल रहे थे और हाल में उनके सोना-चांदी की दुकान को इनके करोड़पति होने का सिंबल मान लिया था. भरत भी बच्चे से लगातार उसकी दुकान के बारे में पूछता रहता था.
आजाद अली, मिठू व लालबाबू की है तलाश : पुलिस इस मामले के खुलासे के बाद अाजाद अली, मिठू कुमार व लालबाबू की तलाश में जुटी है. मिठू ने ही मोबाइल से राजकुमार से रंगदारी मांगी थी. वहीं, अाजाद अली तथा लालबाबू ने दीपू के साथ मिल कर रस्सी से गला घोंट कर राहुल की हत्या को अंजाम दिया था.
पुलिस तीनों की तलाश में छापेमारी कर रही है.अपहरण में प्रयुक्त बोलेरो जब्त, पिकअप की तलाश जारी : राहुल के अपहरण में जिस बोलेरो का प्रयोग हुआ था. उसे पुलिस ने बरामद कर लिया है. बरामद बोलेरो मीरगंज थाने के मटिहानी गांव निवासी दिलीप सिंह की है. पुलिस अब दिलीप व वाहन चालक की भी तलाश में जुटी है. वहीं, राहुल की हत्या का जिस पिकअप वाहन से उसके शव को अमलौरी सरसर में फेंका गया था, उसकी पहचान व तलाश में पुलिस जुटी है.
अज्ञात व्यक्ति ने दी पुलिस को मदद
राहुल के अपहरण व हत्याकांड के खुलासे में एक अज्ञात ने ही पुलिस की मदद की है. अपहरण के अगले दिन जब प्रभात खबर अखबार में राहुल के अपहरण की खबर छपी देखी, तो उसे बुधवार शाम के वाकये ध्यान आया, जब बोलेरो में तीन लोग बच्चे को बैठा कर पश्चिम की ओर निकले थे.
हालांकि अखबार में लापता कि खबर छपी, उसी दिन राहुल का शव भी बरामद हो चुका था. शनिवार की अहले सुबह उसने पुलिस को फोन कर मामले की जानकारी देने की बात कही. उसने मुफस्सिल थानाध्यक्ष विनय प्रताप सिंह से मिलकर एसपी के सामने अपनी जानकारी देने की बात कही.
इसके बाद वह एसपी सौरभ कुमार शाह के पास पहुंचा और अपनी आंखों देखी सुना दी. इससे पुलिस को मामला सुलझाने में काफी मदद मिली है.

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