शिमला : हिमाचल प्रदेश में मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए भीषण भूस्खलन की चपेट में हिमाचल रोडवेज की दो बसों के आने से कम – से – कम 46 लोगों की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हो गए.अधिकारियों का कहना है कि मरने वालों की संख्या बढ सकती है क्योंकि दोनों बसों में 50 से अधिक लोग सवार थे. बताया जा रहा है कि बादल फटने से भीषण भूस्खलन हुआ. मलबे की तीव्रता इतना ज्यादा थी कि पहाड़ी मलबा बस के साथ नीचे के गांव तक पहुंच गया.
घटनास्थल पर बारिश होने की वजह से राहत कार्यो में भी दिक्कत आ रही है. उधर डीसी मंडी ने कहा है कि पठानकोट-जोगिंदरनगर-मंडी नेशनल हाईवे पर कोटरूपी (उरला-जोगिंदर नगर) के पास काफी बड़ा भूस्खलन हुआ है. उन्होंने यात्रियों से आग्रह किया है कि मंडी से जोगिंद्रनगर नगर या जोगिंद्रनगर नगर से मंडी की तरफ कोई भी यात्रा ना करें.
बाढ़ से अररिया-किशनगंज में भारी तबाही, पांच की मौत
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरफ) सेना और पुलिस के दल मौके पर पहुंच गए हैं और वहां जेसीबी मशीन भी तैनात की गई हैं. राज्य के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि सभी शव बरामद किए जाने तक बचाव अभियान जारी रहेगा.उन्होंने कहा कि मनाली-कटरा बस मेंआठ लोग यात्रा कर रहे थे जिनमें तीन लोगों की मौत हो गई और पांच लोगों को बचा लिया गया और उनको मंडी के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
एक अधिकारी ने कहा कि दूसरी बस में 47 यात्री थे और यह बस मनाली से चम्बा जा रही थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार घायलों के इलाज का पूरा खर्च वहन करेगी. उन्होंने पीडति परिवारों से मुलाकात कर संवेदना प्रकट की. स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर, परिवहन मंत्री जी एस बाली और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा ने भी मौके का दौरा किया.ठाकुर ने मारे गए लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी जबकि बाली ने ऐलान किया कि हिमाचल परिवहन निगम की ओर से इन परिवारों को एक-एक लाख रुपये दिये जाएंगे
गौरतलब है कि शनिवार देर दोपहर भी ओट के समीप भूस्खलन हुआ था. जिसमे दो चलती कारे बाल- बाल बची थी, साथ हो दो लोगो ने अपनी कार छोड़कर जान बचाई थी. जबकि कुछ लोग मलबा गिरने के दौरान चट्टान की आड़ में छिपने से बचे थे.