छपरा(सारण) : सरकारी अस्पतालों में रूई से लेकर सुई तक की कमी झेल रहे लोगों के सामने अब एक नयी मुसीबत आ गयी है. सदर अस्पताल में संचालित नियमित टीकाकरण केंद्र में इंजेक्शन की कमी तो पहले से लोग झेल रहे हैं. अब टीकाकरण कराने के लिए आने वाले नवजात शिशुओं को कार्ड नहीं मिल रहा है. कार्ड की कमी चार माह पहले से ही है.
कार्ड के अभाव में सादे कागज पर ही टीकाकरण की तिथि लिखकर दी जा रही है. सदर अस्पताल में प्रत्येक माह कम से कम दो हजार नये कार्ड की खपत होती है. शहरी क्षेत्रों के नवजात शिशुओं के अलावा सदर अस्पताल में जन्म लेने वाले नवजात शिशुओं का भी कार्ड बनाया जाता है.
कार्ड के अभाव में टीकाकरण कराने के लिए आने वाली माताओं और चिकित्सा कर्मचारियों के बीच रोज नोक-झोंक हो रही है, जिसे शांत कराने के लिए सुरक्षा कर्मियों को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है.
पांच वर्ष के लिए बनता है कार्ड : नवजात शिशुओं के लिए जन्म के बाद टीकाकरण का कार्ड बनाया जाता है, जो पांच वर्ष के लिए मान्य होता है. जन्म से लेकर पांच वर्ष के बीच कितने दिनों के अंतराल पर कौन-कौन सी टीका लगाने का प्रावधान है, उसमें वर्णित रहता है. कार्ड नहीं रहने के टीकाकरण अभियान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. नियमित टीकाकरण अभियान का बंटाधार हो रहा है और शत प्रतिशत टीकाकरण कराने के लिए सरकार के निर्देशों का पालन करने में बाधा उत्पन्न हो रही है. नियमित टीकाकरण अभियान सदर अस्पताल, रेफरल अस्पतालों तथा अनुमंडलीय अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा स्वास्थ्य उप केंद्रों, आंगनबाड़ी केंद्रों पर चलाया जाता है. जिले में पहले से डीपीटी इंजेक्शन नहीं है और अब टीकाकरण कार्ड नहीं मिल रहा है.