गुमला : जिला ग्रामीण विकास अभिकरण गुमला के तत्वावधान में मनरेगा अंतर्गत दो दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला गुरुवार को गुमला के नगर भवन में शुरू हुई. कार्यशाला में जिले के विभिन्न प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता, लेखा सहायक, कंप्यूटर सहायक, रोजगार सेवक, मुखिया व मनरेगा मेठ शामिल हुए.
उपायुक्त श्रवण साय ने कार्यशाला का उदघाटन किया. मौके पर उन्होंने मनरेगा से संबंधित योजनाओं की पारदर्शिता पर बल दिया. कहा कि मनरेगा से संबंधित योजनाओं के पूर्ण होने और जियो टैगिंग होने के बाद भी समय पर एमआइएस इंट्री नहीं हो पाती है. योजनाओं से संबंधित सात प्रकार के रजिस्टर का भी संधारण करना है. कई योजनाओं का संधारण तो हो जाता है, लेकिन उसका अद्यत्तन नहीं हो पाता है. जिस कारण सोशल ऑडिट में परेशानी होती है. पिछली बार के सोशल ऑडिट में ही कई प्रकार की खामियां उजागर हुई. रिपोर्ट जमा नहीं करने वाले संबंधित लोगों पर एक से दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगा.
जुर्माना देना बड़ी बात नहीं है, बल्कि उससे हमें सीख लेने की जरूरत है, ताकि काम जमीनी स्तर पर हो और हमारा जिला विकास करे. उपविकास आयुक्त ने मनरेगा मजदूरों को समय पर मजदूरी भुगतान पर बल दिया. कहा कि मनरेगा मजदूरों को समय पर मजदूरी नहीं मिलने के कारण मजदूर मनरेगा की योजनाओं में काम करने से कतरा रहे हैं, जिससे मनरेगा की कई योजनाएं प्रभावित हो रही है. नैप निदेशक नयनतारा केरकेट्टा ने भी मनरेगा की योजना से संबंधित कई पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी.