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निगम ने दी िबजली, 30 सालों से दे रहे वोट, िफर अवैध कब्जा कैसे

गुस्सा फूटा. जमीन खाली कराने गयी टीम का आदिवासियों ने किया विरोध कप्तानपाड़ा स्थित आलमगंज वार्ड नंबर 41 में जमीन खाली कराने गये अिधकािरयों को वर्षों से जमीन पर कब्जा कर रह रहे आदिवासियों का िवरोध झेलना पड़ा. इतना ही नहीं जब कब्जा हटाने का काम किया जाने लगा तो आदिवािसयों ने जमीन पर 30 […]

गुस्सा फूटा. जमीन खाली कराने गयी टीम का आदिवासियों ने किया विरोध

कप्तानपाड़ा स्थित आलमगंज वार्ड नंबर 41 में जमीन खाली कराने गये अिधकािरयों को वर्षों से जमीन पर कब्जा कर रह रहे आदिवासियों का िवरोध झेलना पड़ा. इतना ही नहीं जब कब्जा हटाने का काम किया जाने लगा तो आदिवािसयों ने जमीन पर 30 साल से रहने की बात कही और वहां नगर निगम की ओर से िबजली कनेक्शन भी वितरित किया जाना बताया. इसके बाद मौके पर पहुंचे सीमांकन अिधकािरयों की ओर से समझाने के बाद सभी शांत हो गये.
पूर्णिया : स्थानीय कप्तानपाड़ा स्थित कैनरा बैंक के पीछे बसी बस्ती में अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश पर जमीन खाली कराने गये अधिकारियों को आदिवासियों के विरोध का सामना करना पड़ा. गौरतलब है कि सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत कप्तानपाड़ा स्थित मौजा आलमगंज वार्ड नंबर 41, थाना संख्या 239, खाता संख्या 746, खेसरा संख्या 1492, 1493, 1494, 1495, 1511, 1483/1823 एवं 1502, रकवा 2.17 एकड़ जमीन पर वर्षों से आदिवासियों का कब्जा है और आदिवासी उस जमीन पर घर बना कर रह रहे हैं. मौके पर उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि इस जमीन पर भू स्वामित्व को लेकर विवाद चल रहा था.
जमीन के दावेदार शंकर झा उर्फ बाबा हैं. शंकर झा द्वारा जमीन खाली कराने के लिए अंचल अधिकारी के समक्ष आवेदन दिया गया था, जिस पर कार्रवाई हुई और अंचल अधिकारी के पत्रांक 1224 दिनांक 18 जुलाई 2017 के पत्र के आधार पर अनुमंडल पदाधिकारी के पत्रांक 1160, 20 जुलाई 2017 के आदेश पर जमीन का सीमांकन करने एवं सीमांकन के अंदर कब्जा की गयी जमीन को खाली करने का आदेश दिया गया है.
आदेश के पालन के लिए सीमांकन करने के क्रम में सुरक्षा के लिए काफी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था. बुधवार को सीमांकन का काम जारी रहा. पुलिस बल को देखते हुए क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गयी. वहीं आदिवासी भी अपनी बातों पर डंटे रहे. आदिवासियों में बबलू सोरेन, जितेंद्र टुड्डू, तल्लू मुर्मू, जेठा मरांडी, मनोज उरांव एवं अन्य दर्जनों आदिवासियों ने बताया कि जिस जमीन की नापी की जा रही है, उस जमीन पर वे लोग 30 साल से घर बना कर रह रहे हैं. घर में नगर निगम द्वारा होर्डिंग बोर्ड भी लगा दिया गया है और बिजली का कनेक्शन भी उन्हें प्राप्त है. इसके अलावा मतदाता सूची में भी उनके नाम का समावेश है और 30 सालों से वोट भी दे रहे हैं. पीड़ितों ने बताया कि आज आदिवासी दिवस है और वे लोग आदिवासी दिवस मनाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई से वे चिंतित हैं. मौके पर पहुंचे अधिकारियों के समझाने-बुझाने के बाद आदिवासी शांत रहे और जमीन सीमांकन का काम भी जारी रहा.
जमीन के सीमांकन के लिए मौके पर पहुंचे अिधकारी, आदिवािसयों को समझा-बुझाया तब जाकर माने

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