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ऋतव्रत को माकपा राज्य कमेटी से हटाया
कोलकाता: माकपा राज्य कमेटी से सांसद ऋतव्रत बंद्योपाध्याय को हटा देने का निर्णय पार्टी की राज्य कमेटी की बैठक में लिया गया. पिछले तीन महीने से अलीमुद्दीन स्ट्रीट ने उनको सस्पेंड कर रखा था. उनकी लाइफस्टाइल पर उठ रहे सवाल को देखते हुए पार्टी ने पोलित ब्यूरो सदस्य सांसद मोहम्मद सलीम, सेंट्रल कमेटी सदस्य मृदुल […]
कोलकाता: माकपा राज्य कमेटी से सांसद ऋतव्रत बंद्योपाध्याय को हटा देने का निर्णय पार्टी की राज्य कमेटी की बैठक में लिया गया. पिछले तीन महीने से अलीमुद्दीन स्ट्रीट ने उनको सस्पेंड कर रखा था. उनकी लाइफस्टाइल पर उठ रहे सवाल को देखते हुए पार्टी ने पोलित ब्यूरो सदस्य सांसद मोहम्मद सलीम, सेंट्रल कमेटी सदस्य मृदुल दे और मदन घोष को लेकर एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनायी थी.
जांच कमेटी ने अपनी रपट में आरोपों को सही पाया और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की. राज्य कमेटी की बैठक में इस फैसले के खिलाफ विरोध भी हुआ, लेकिन संख्या बल के कारण उनको राज्य कमेटी की बैठक से बाहर रखने का निर्णय लिया गया. फिलहाल आगे की कार्रवाई के लिए राज्य कमेटी ने फैसला केंद्रीय कमेटी के पास भेज दिया है.
उल्लेखनीय है कि पिछले कई सालों से ऋतव्रत की जीवन शैली को लेकर माकपा के अंदर कई सवाल उठ रहे थे. माकपा सांसद ऋतव्रत बनर्जी के फेसबुक पर एक कथित पोस्ट से बवाल मचा था. हुआ यह कि पिछले दिनों वह सिलीगुड़ी में फुटबाल मैच देखने गये थे. उन्होंने फेसबुक पर मांट ब्लैंक पेन और अपेल वाच के साथ एक फोटो अपलोड कर दिया. ऋतव्रत के इस पोस्ट पर एक आईटी कर्मचारी ने सवालिया निशाना लगाते हुए एक पोस्ट किया था. यह बात सांसद को नागवार लगी और उन्होंने अपना परिचय देते हुए उक्त कर्मचारी की कंपनी के पास धमकी भरा मेल भेज दिया. उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. इसके बाद से ही यह मामला चर्चा में आ गया. पार्टी ने जांच दल बना कर उक्त मामले की जांच का निर्देश दिया था.
गौरतलब है कि पिछले साल ही राज्य कमेटी में पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के चहेते ऋतव्रत राज्य को शामिल किया गया था. पार्टी ने युवा चेहरे के रूप में उन्हें राज्यसभा भेजा था. सांसद के रूप में इनकी पारी सफल रही और पार्टी के युवा चेहरे के रूप में इनको मान्यता मिलने लगी थी, लेकिन कलमकांड ने इनकी जीवन शैली पर सवालिया निशान लगा दिया.
दार्जलिंग मुद्दे का बातचीत से हो समाधान : माकपा
माकपा राज्य कमेटी की बैठक के बाद पत्रकारों से मुखातिब हुए राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने कहा कि राज्य कमेटी की बैठक में पिछले बैठक के कई मुद्दों पर चर्चा हुई इसके अलावा मौजूदा दौर में चल रहे विभिन्न मुद्दों पर पार्टी की रणनीति तय की गयी. उन्होंने कहा कि गोरखालैंड मुद्दे पर चल रहे आंदोलन से वहां की स्थित खराब हो गयी है. राज्य सरकार वहां शांति स्थापित करने में पूरी तरह विफल है. इस मामले को बातचीत द्वारा ही सुलझाने के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा कि वे लोग सत्ता में नहीं हैं. फिर भी बातचीत करना चाहते हैं. सरकार को चाहिए कि सभी पक्षों को लेकर इस मामले का शांतिपूर्ण समाधान निकाले. उन्होंने कहा कि राज्य कमेटी की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि पिछले तीन वर्षों के दौरान लोगों की रहन सहन पर व्यापक असर पड़ा है. लोग अनिश्चितता का जीवन जी रहे हैं. लगातार लोगों की नौकरियां जा रही हैं. धर्म निरपेक्षता खतरे में हैं. सांप्रदायिक ताकतें लगातार सर उठा रही हैं. लोगों के सामने एक बड़ा खतरा आ गया है. बंगाल में भी भाजपा अपनी ताकत बढ़ा रही है. आरएसएस व भाजपा के अन्य सहयोगी दल बंगाल के डुआर्स जैसे इलाकों में आदिवासियों के बीच अपनी पैठ बना रहे हैं. राज्य में चल रहे ध्रुवीकरण का राजनीतिक फायदा उठाने में भाजपा जुट गयी है. इसे रोकने की बेहद जरूरत है. इसमें राज्य सरकार का पूरा सहयोग दिख रहा है. मसलन केंद्र सरकार पिछले तीन साल से जिस तरह की हरकत और फैसले ले रही है, उसी तरह का फैसला पिछले छह साल से हम पश्चिम बंगाल सरकार से देख रहे हैं. इसको देखते हुए साफ कहा जा सकता है कि दोनों का लक्ष्य एक है. इसके खिलाफ राज्यस्तर पर आंदोलन की रणनीति बनायी गयी है.
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