सिलीगुड़ी. कलकत्ता हाइकोर्ट के निर्देश के बाद सिलीगुड़ी नगर निगम ने एक और अवैध निर्माण को ढहा दिया. मंगलवार को दोपहर बाद निगम के वार्ड नंबर 46 स्थित चंपासारी इलाके में बुलडोजर और भारी संख्या में पुलिस बल देखकर लोग सहम गये. मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में निगम ने दोमंजिला इमारत ढहा दिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार, सिलीगुड़ी शहर में कई इमारते अवैध रूप से बन कर खड़ी हैं. नगर निगम 300 से अधिक अवैध निर्माण को चिह्नित कर चुका है. चंपासारी के ज्योति नगर इलाके में ऐसे ही एक अवैध निर्माण को सिलीगुड़ी नगर निगम ने जमीन्दोज कर दिया.
निगम सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, यह मकान बिना प्लान पास कराये ही खड़ा किया जा रहा था. निर्माण कार्य शुरू करने के कुछ दिन बाद ही निगम ने इमारत के मालिक को आगाह किया था. करीब 20 लाख की लागत से निर्मित दोमंजिला इमारत को तोड़कर निगम ने अवैध निर्माण को शह देनेवालों को एक सबक दिया है. इस अवैध निर्माण को तोड़ने की कोशिश सिलीगुड़ी नगर निगम ने पहले भी की थी. मकान मालिक को कई बार नोटिस भी दिया गया था. मकान मालिक निगम की हियादत को नजरअंदाज कर दोमंजिला मकान बनाने का काम जारी रखा.
सख्ती बरतने पर मकान मालिक वाणीब्रत भवाल नगर निगम के खिलाफ कलकत्ता हाइकोर्ट चले गये. हाइकोर्ट में वह मुकदमा हार गये. इसके बाद मंगलवार को सिलीगुड़ी नगर निगम ने पुलिस की सहायता से अवैध निर्मण को ढहा दिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह अवैध निर्माण करानेवाले वाणीब्रत भवाल का प्लायबोर्ड का कारोबार है. नगर निगम की इस कार्रवाई से पूरे इलाके में खलबली मची हुई है.
इस संबंध में नगर निगम के पीबब्ल्यूडी विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर दीपक दत्ता ने बताया कि कई बार मकान मालिक को अवैध निर्माण तोड़ने के लिये नोटिस दिया गया. लेकिन उसकी अवहेलना कर दो मंजिला मकान बना कर खड़ा कर दिया गया. निगम कमिश्नर के निर्देशानुसार मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में इस अवैध निर्माण को तोड़ दिया गया. निगम के चेयरमैन दिलीप सिंह ने कहा कि यह काफी पुराना मामला था. कई बार मकान मालिक को नोटिस दिया गया. इसके बाद भी उन्होंने निर्माण कार्य जारी रखा. निगम ने कानून के सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए बुलडोजर चलाया है.