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सोलर और थर्मल पावर का हब बनेगा पूर्वी बिहार

पहल. एनडीए सरकार बनते ही कजरा व पीरपैंती पर हो गया निर्णय कहलगांव में एनटीपीसी की इकाई से बिजली का उत्पादन हो रहा है दीपक कुमार मिश्रा पटना :राज्य में एनडीए की सरकार बनते ही वर्षों से लंबित कजरा और पीरपैंती बिजली घर पर फैसला हो गया. अब यहां थर्मल पावर की जगह सोलर इनर्जी […]

पहल. एनडीए सरकार बनते ही कजरा व पीरपैंती पर हो गया निर्णय
कहलगांव में एनटीपीसी की इकाई से बिजली का उत्पादन हो रहा है
दीपक कुमार मिश्रा
पटना :राज्य में एनडीए की सरकार बनते ही वर्षों से लंबित कजरा और पीरपैंती बिजली घर पर फैसला हो गया. अब यहां थर्मल पावर की जगह सोलर इनर्जी का उत्पादन होगा. राज्य सरकार ने इस पर सैंद्धातिक निर्णय ले लिया है. आने वाले समय में पूर्वी बिहार बिजली उत्पादन का बड़ा हब बनेगा. अभी यहां के कहलगांव में थर्मल पावर है. बांका में अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट प्रस्तावित है. पूर्वी बिहार के बांका, कजरा और पीरपैंती में बिजली घर प्रस्तावित है. कहलगांव में एनटीपीसी की इकाई से बिजली का उत्पादन हो रहा है.
अगर सबकुछ ठीक रहा तो आनेवाले पांच-छह सालों में राज्य बिजली की कुल खपत का आधी बिजली का उत्पादन पूर्वी बिहार से होगा. इससे राज्य में बिजली की कमी नहीं होगी. उद्योग-धंधे लगाने में भी सुविधा होगी. राज्य में बिजली की खपत लगातार बढ़ रही है. राज्य में अभी तक अधिकतम बिजली की मांग 4133 मेगावाट 26 जून को रहा. इस साल के अंत तक बिजली की मांग 4500 मेगावाट तक हो जायेगी. राज्य में बिजली उपलब्धता की वजह से बिजली की प्रति व्यक्ति खपत भी बढ़ी है.
पीरपैंती और कजरा में अब सोलर प्लांट
कजरा व पीरपैंती में 660-660 मेगावाट की दो-दो यूनिट लगनी थी. कजरा में एनटीपीसी और पीरपैंती में एनएचपीसी को बिजली घर बनाना था. दोनों कंपनियों से 22 फरवरी, 2014 को एमओयू हुआ था. जो फरवरी 2016 में समाप्त हो गया. फिर नया एमओयू होना था लेकिन एक साल से अधिक बीत जाने के बाद भी पूरा मामला ठंढ़े बस्ते में था.
दोनों जगह के लोग निराश होने लगे थे. लेकिन अब मुख्यमंत्री की इस धोषणा के बाद कि दोनों जगहों पर अभी दो-दो सौ मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट लगेगा लोगों में खुशी है. यहां पर पर्याप्त जमीन भी सरकार अधिग्रहित कर चुकी है. ऊर्जा विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार दोनों जगह सोलर प्लांट लगाने के लिए निवेशकों को आमंत्रित किया जायेगा. सोलर इनर्जी को बढ़ावा देने के लिए राज्य की अपनी सोलर नीति भी है.
बांका में अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट
बांका के ककवारा में 4000 मेगावाट क्षमता का अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट प्रस्तावित है.इससे बिहार को 2000 मेगावाट बिजली मिलेगी. यह 2022 के बाद का प्रोजेक्ट है. पावर प्लांट के लिए बांका के पास ककवारा गांव में 2400 एकड़ जमीन चिह्नित की गयी है. इस पावर प्लांट को सुल्तानगंज से गंगा नदी का पानी मिलेगा. बिहार सरकार ने इस परियोजना के लिए 20 करोड़ का राशि भी जारी कर दी है.

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