नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने मुसलिम लड़कियों की हायर एजुकेशन को प्रोत्साहित करने के मकसद से सरकार 51,000 रुपये की राशि बतौर शादी शगुन देगी. इसका लाभ उन्हीं लड़कियों को मिलेगा, जो स्नातक की पढ़ाई पूरी करेंगी. यह योजना केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन (एमएइएफ )के तहत शुरू की गयी है.
इसके अलावा नौवीं और 10वीं में पढ़ने वाली मुस्लिम छात्राओं को 10 हजार रुपये का वजीफा देने का भी एलान किया गया. अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दोनों योजनाओं की घोषणा की. इसका उद्देश्य मुस्लिम लड़कियों की बेहतर तालीम देना है. ‘शादी शगुन ‘ की यह राशि स्नातक की पढ़ाई पूरी करने वाली उन्हीं लड़कियों को मिलेगी, जिन्होंने स्कूली स्तर पर एमएइएफ की ओर से मिलनेवाली छात्रवृत्ति हासिल की होगी.
पेंशन शुरू कराने के लिए कर्मचारियों को नहीं जाना पड़ेगा बैंक
केंद्रीय कर्मचारियों को अपनी पेंशन शुरू करवाने के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनके पेंशन भुगतान आदेश की प्रतिलिपि उन्हें उनकी सेवानिवृत्ति के समय ही मिल जायेगी. कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि नये नियम के तहत पेंशनभोगी या सेवानिवृत्त सरकारी कर्मी को पेंशन शुरू होने से पहले एक प्रमाणपत्र बैंक में जमा कराना होगा. केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय से पीपीओ की बैंक की प्रतिलिपि भेजे जाने के बाद पेंशनभोगी की प्रतिलिपि उसे सेवानिवृत्ति के मौके पर अन्य सेवानिवृत्ति बकायों के साथ दे दी जायेगी.
इरडा का प्रस्ताव : बेहतर तरीके से वाहन चलाएं, दें कम बीमा प्रीमियम
यदि आप वाहन सही तरीके से, कम व्यस्त समय और कम दूरी तक चलाते हैं, तो भविष्य में आपको मोटर बीमा प्रीमियम कम देना पड़ेगा. बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण (इरडा) ने यह प्रस्ताव दिया है. प्रस्ताव के तहत मोटर बीमा प्रीमियम ‘ब्लैक बॉक्स ‘ आधारित गाड़ी चलाने की आदत, वाहन के उपयोग और तय की गयी दूरी जैसी बातों पर निर्भर करेगी. इरडा ने इस बारे में टिप्पणी मांगी है.