मिट्टी की कढ़ाई में गोयठा पर बने खीर का लगता है भोग
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मां योगनी की सजा दरबार आदि काल से होती आ रही है मां की पूजा
मिट्टी की कढ़ाई में गोयठा पर बने खीर का लगता है भोग 15 देवी देवताओं को दी जाती है फुलाइस के बाद बलि गोड्डा : सावन माह का धार्मिक रूप से काफी महत्व है. पथरगामा के बारकोप स्थित मां योगनी स्थान में होने वाली सलाना पूजा का भी अपना महत्व है. धार्मिक दृष्टिकोण से सावन […]
15 देवी देवताओं को दी जाती है फुलाइस के बाद बलि
गोड्डा : सावन माह का धार्मिक रूप से काफी महत्व है. पथरगामा के बारकोप स्थित मां योगनी स्थान में होने वाली सलाना पूजा का भी अपना महत्व है. धार्मिक दृष्टिकोण से सावन माह के इस महोत्सव में दूर दराज से बड़ी संख्या में भक्त पहुंच कर वार्षिक पूजा का आनंद उठाते हैं.
मां योगिनी को लगा भोग, बंटा प्रसाद
मां की सलाना पूजा इस बार भी धूमधाम से मनी. रात के आठ बजे से प्रारंभ वार्षिक पूजा तीन बजे तक चली. मुख्य पुजारी आशुतोष सिंह व सहयोगी पुजारी सत्यजीत सिंह बाबी ने मां को भोग लगाया और पूजा आराधना की. पूरा मंदिर परिसर को फूल एवं माला व लाइटिंग से सजाया गया. इस बीच रात भर भक्तों की ओर से भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया.
क्या है पूजा परंपरा
मान्यता के अनुसार मां योगनी सेवायत परिवार की ओर से लगभग 15 देवी देवताओं की पूजा अर्चना होती है. मां शीतला से फुलाइस प्रारंभ होकर अंतिम पूजा श्मशान काली की होती है. इस दौरान प्रत्येक देवता के समक्ष एक बलि दी जाती है. क्रम में पहाड़ की गुफा के बाहर बाबा जखराज की भी पूजा की जाती है. मान्यता के मुताबिक बाबा जखराज मां योगनी के सुरक्षा में प्रतिनियुक्त बताये जाते हैं. आशुतोष सिंह के मुताबिक पूजा पद्धति काफी प्राचीन है.
रूपेश के एलबम को लोग कर रहे पसंद
स्थानीय पथरगामा निवासी गायक रूपेश मिश्रा का गायन ने क्षेत्र में काफी प्रसिद्धि हासिल की है. मां योगनी पर हाल के दिनों में भक्ति एलबम निकाला गया. जो काफी प्रसिद्ध हुआ है. जिले में मां योगनी के भक्ति गीतों को लोग काफी पसंद कर रहे हैं. मां योगनी पर बने गाने को लोग गुनगुना रहे हैं.
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