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बढ़ता अपराध नये पुलिस कप्तान के लिए चुनौती

मोतिहारी : हाल के महीनों में रंगदारी व घर का ताला तोड़ की घटनाओं से परेशान लोगों को घर से बाहर निकलने पर वाहन चोरी का भय सता रही है. ऐसे में क्या तो लो रतजगा कर रहे हैं, अनजान कॉल उठाने से डर रहे है तो चोरी के भय से वाहन निकालने में भी […]

मोतिहारी : हाल के महीनों में रंगदारी व घर का ताला तोड़ की घटनाओं से परेशान लोगों को घर से बाहर निकलने पर वाहन चोरी का भय सता रही है. ऐसे में क्या तो लो रतजगा कर रहे हैं, अनजान कॉल उठाने से डर रहे है तो चोरी के भय से वाहन निकालने में भी कतरा रहे हैं.

इससे इतर शहर के प्रधान पथ व गांधी चौक से स्टेट बैंक, छतौनी चौक से पायल सिनेमा चौक पथ में प्रतिदिन दिन 10 बजे से दो बजे तक जाम से आम लोगों के साथ व्यवसायी परेशान हो रहे है. कहने को तो ट्रैफिक पुलिस रहती है लेकिन कोई कारगर कार्रवाई नहीं दिखती. सड़कों पर यत्र-तत्र वाहन पार्किंग व खोमचा दुकान जाम का कारण बनते है.
पूर्व एसपी द्वारा अतिक्रमण हटा समस्या समाधान की दिशा में कार्रवाई की गयी लेकिन नतीजा सिफर रहा. जाम की समस्या को चैंबर ऑफ काॅमर्स कई बार उठा चुकी है. इधर अापराधिक आंकड़ों पर गौर करें तो एक से डेढ़ माह के अंदर डॉक्टर, ठेकेदार, स्कूल संचालक व जनप्रतिनिधियों से पांच से 20 लाख तक की रंगदारी मांगी जा चुकी है. वर्चस्व के लिए शहर के छतौनी में एक किराना व्यवसायी की हत्या भी हो चुकी है. लेकिन कोई खास मुकाम तक पुलिस नहीं पहुंच पायी है.
शहर में घर का ताला तोड़ चोरी की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है. इसकी संख्या करीब एक दर्जन होगी. शहर में हाल के दिनों में करीब 20 बाइक की चोरी हुई है. सदर अस्पताल से दो रोज पूर्व चोरी शाम ढलते बोलेरो उड़ा ले गये और पुलिस लकीर पर डंडा पिटती रही. चोरी के भय से लोग अब घर छोड़ने से कतरा रहे हैं, क्योंकि पुलिस अब तक इन घटनाओं का उद्भेन नहीं कर सकी है. हां एक डाॅक्टर चंद्रांशू मामले के अलावा चकिया से झपटमार गिरोह पकड़ने में पुलिस को सफलता मिली है लेकिन अपराधियों के बड़े आका अब भी पुलिस से दूर है.
रंगदारी व चोरी की दो दर्जन से अधिक घट चुकी हैं घटनाएं
एक दो को छोड़ शेष में पुलिस महीनों से कर रही छापेमारी
वर्चस्व को लेकर दो अपराधी गिरोहों से लोग हैं परेशान
शराब की होम डिलेवरी पर भी लगानी होगी रोक
शहर व देहात में भले ही शराब बिक्री पर पाबंदी है लेकिन रोज व रोज नशेड़ी पकड़े जाते है तो शराब भी वाहनों से जब्त हो रहे है. नेपाल बॉर्डर से नेपाली सौंफी भी धड़ल्ले से यहां पहुंच रही है. इस मुद्दे को 20 सूत्री की बैठक में भी स्थानीय विधायकों ने उठाते हुए पुलिस पर सवाल खड़े किये थे.
रंगदारी पर वर्चस्व के लिए बज रही फोन की घंटियां
बेतिया कोर्ट हाजत में कुख्यात बबलू दूबे की पेशी के दौरान हुई हत्या के बाद शहर व जिले में रंगदारी के लिए वर्चस्व की लड़ाई छिड़ गयी है. यह लड़ाई कुणाल सिंह व बबलू दूबे गिरोह में चल रही है. कई रंगदारी के मामले में कुणाल सिंह का नाम आया है तो बबलू दूबे का शागिर्द रहे दीपक पासवान का नाम छतौनी के व्यवसायी हत्याकांड व शहर के हेवेल्स इलेक्ट्राॅनिक कंपनी के व्यवसायी से रंगदारी मांगने में आया है. दूबे हत्याकांड के बाद खाली पड़े फिल्ड पर इसे लोग कब्जे की लड़ाई मान रहे है. वैसे पुलिस ने कुणाल सिंह के शागिर्द संतोष सिंह व दीपक के तीन शागिर्दों को हवालात भेजी है लेकिन रंगदारी पर विराम नहीं लग रहा है. कुणाल कोर्ट हाजत से फरार है.
क्राइम फाइल
11 जुलाई-छतौनी के सिमेंट छड़ व्यवसायी से 10 लाख की रंगदारी
18 जुलाई- पीपरा के मुखिया संवेदक पुत्र पप्पू सिं से 30 लाख की रंगदारी
23 जुलाई-राजेपुर के दिनेश भगत से पांच लाख की रंगदारी
24 जुलाई-पीपरा के मुखिया पति किशुन सहनी से पांच लाख की रंगदारी
25 जुलाई-शहर के हैवेल्स व्यवसायी मनोज से 20 लाख की रंगदारी
26 जुलाई- शहर के प्रसिद्ध डाक्टर डा टीपी सिंह से 10 लाख की रंगदारी
30 जुलाई-डाॅ चु्द्रांशू से पांच लाख की रंगदारी

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