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चीन ने एक फिर मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित करने से रोका, तकनीकी रोक तीन माह के लिए बढ़ायी

संयुक्त राष्ट्र : चीन ने जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख और पठानकोट आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादी सूची में डालने के अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन समर्थित प्रस्ताव पर तकनीकी रोक को एक बार फिर तीन माह के लिए बढ़ा दिया है. चीन ने इस साल फरवरी में अजहर को संयुक्त राष्ट्र […]

संयुक्त राष्ट्र : चीन ने जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख और पठानकोट आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादी सूची में डालने के अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन समर्थित प्रस्ताव पर तकनीकी रोक को एक बार फिर तीन माह के लिए बढ़ा दिया है. चीन ने इस साल फरवरी में अजहर को संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आतंकी सूची में डालने के अमेरिकी कदम को अवरुद्ध कर दिया था. इस तकनीकी रोक पर चीन के कदम उठाने की समयसीमा दो अगस्त थी.

यदि चीन ने इस तकनीकी रोक को बढ़ाया नहीं होता तो अजहर को स्वत: ही संयुक्त राष्ट्र की आतंकियों की सूची में डाल दिया गया होता. सूत्रों ने बताया कि समयसीमा खत्म होने से ठीक पहले चीन ने एक बार फिर इसे तीन माह बढ़ा दिया. सुरक्षा परिषद में वीटो का अधिकार रखनेवाला स्थायी सदस्य बीजिंग परिषद की अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत जैश-ए-मोहम्मद के नेता पर प्रतिबंध लगवाने के भारत के प्रयासों में लगातार अड़ंगा डालता आया है.

पिछले साल 15 देशों की सदस्यतावाली सुरक्षा परिषद में चीन एकमात्र ऐसा देश था, जिसने भारत के इस अनुरोध पर रोक लगवा दी थी. शेष सभी 14 देशों ने दिल्ली के अनुरोध का समर्थन किया था. इस पर अमल होने से अजहर की संपत्तियां कुर्क हो जातीं और उसपर यात्रा प्रतिबंध लग जाता. तकनीकी रोक की छह माह की वैधता सितंबर में खत्म हो गयी थी और तब बीजिंग ने इसे तीन और माह के लिए बढ़ा दिया था.

पिछले साल दिसंबर में चीन के जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख को सूची में डालने के भारत के प्रस्ताव पर रोक लगाने के बाद भारतीय कूटनीतिक सूत्रों ने कहा था कि आतंकवाद का मुद्दा उठाने के लिए भारत सिर्फ एक रास्ते तक सीमित नहीं है. वह ‘हर उपलब्ध प्रक्रिया के जरिए’ आतंकवाद से जुड़े मुद्दे उठाना जारी रखेगा. सूत्रों ने कहा था कि प्रस्ताव पर रोक लगाये जाने से भारत वैश्विक संस्था में आतंकवाद के मुद्दों को उठाना और आतंकी संगठनों के नेताओं को प्रतिबंधित करने की मांग करना बंद नहीं करेगा.

चीन ने बुधवार को कहा था कि पाकिस्तान मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में आतंकवादी घोषित कराने के लिए अमेरिका नीत प्रस्ताव पर उसके द्वारा लगायी गयी रोक के बारे में ‘वह समय आने पर फैसला करेगा’. मंत्रालय ने पहले भी एक लिखित जवाब में कहा था, ‘हमने कई बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति को चीन के रुख से अवगत कराया है.’ चीन यह कह कर भारत के कदम का विरोध कर रहा है कि यूएनएससी 1267 में इस पर कोई सहमति नहीं है. यूएनएससी 1267 आतंकवादी संगठनों और उनके नेताओं पर वैश्विक प्रतिबंध लगाती है. जेईएम पहले ही प्रतिबंधित सूची में है. भारत ने गत वर्ष मार्च में संयुक्त राष्ट्र में अजहर पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा था. भारत ने उसे पठानकोट आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड बताया.

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