जमशेदपुर; टाटा स्टील में विस्तारीकरण को लेकर तेजी से काम हो रहा है. कंपनी का प्रथम चरण में तो 11 मिलियन टन का विस्तार का काम अंतिम चरण में है और 2018 तक इसका विस्तार हो जायेगा, जिसके तहत कंपनी के कई विभागों की क्षमता बढ़ाकर ज्यादा उत्पादन किया जायेगा. इसके लिए जरूरी क्लियरेंस कंपनी […]
जमशेदपुर; टाटा स्टील में विस्तारीकरण को लेकर तेजी से काम हो रहा है. कंपनी का प्रथम चरण में तो 11 मिलियन टन का विस्तार का काम अंतिम चरण में है और 2018 तक इसका विस्तार हो जायेगा, जिसके तहत कंपनी के कई विभागों की क्षमता बढ़ाकर ज्यादा उत्पादन किया जायेगा. इसके लिए जरूरी क्लियरेंस कंपनी को मिल चुकी है.
कंपनी अब 14 से 15 मिलियन टन तक का उत्पादन जमशेदपुर और आसपास ही करना चाहती है. इसके लिए एक टास्क फोर्स का गठन कर अध्ययन कराया गया है. बताया जाता है कि इस टीम ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट भी दे दी है. इसके तहत कंपनी अपना विस्तार गम्हरिया स्थित टिस्को ग्रोथ शॉप (टीजीएस) में करना चाहती है, क्योंकि वहां के कई विभाग और सेक्शन बंद हुए हैं और कलिंगानगर में भी कुछेक प्लांट को शिफ्ट कर दिया गया है.
बताया जाता है कि वर्तमान में कंपनी की योजना है कि टिस्को ग्रोथ शॉप में ही टाटा स्टील के वर्तमान में जमशेदपुर प्लांट के कई विभागों को वहां शिफ्ट कर दिया जाये. इसके तहत कंपनी का सिगमेंट शॉप, मशीन शॉप, फोर्ज शॉप को शिफ्ट कर दिया जायेगा. इसके अलावा इस प्रोडक्शन से मिलता-जुलता विभागों का भी ट्रांसफर कर दिया जायेगा. बताया जाता है कि गम्हरिया में कंपनी की ओर से एलडी 3 के बाद एलडी 4 का निर्माण किया जायेगा, जो टीएससीआर जैसा ही होगा. इस शिफ्टिंग के लिए ही टीजीएस में भी विस्तार के साथ ही उसके कई विभागों को समायोजित किया जा रहा है, ताकि क्षेत्र को खाली कराया जा सके. हालांकि, इस मामले में अब तक मैनेजमेंट की ओर से कोई अाधिकारिक जानकारी नहीं दी गयी है, लेकिन मैनेजमेंट के वरीय अधिकारी यह कहते जरूर हैं कि विस्तारीकरण की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है.
कलिंगानगर भी कर्मचारी भेजने का रस्ता खुला! : दूसरी ओर टाटा स्टील में अंदरुनी तौर पर मेडिकल सर्विसेज और आरएंडडी साइंटिफिक सर्विसेज का नाम बदल दिया गया है. दोनों में ही कलिंगानगर को जोड़ दिया गया है. इससे कर्मचारियों के कान खड़े हो गये हैं. कर्मचारियों को आशंका है कि कहीं इस विभाग के बदलाव के साथ उनका कार्य क्षेत्र या तबादला की प्रक्रिया को तो शुरू नहीं कर दिया जायेगा. बताया जाता है कि इसकी आशंका को लेकर टाटा वर्कर्स यूनियन में वहां के कमेटी मेंबर और कर्मचारी पहुंचे हैं और अध्यक्ष आर रवि प्रसाद से नाम बदलने का कारण भी पूछा है. अध्यक्ष ने भी अनभिज्ञता जतायी और बहुत जल्द मैनेजमेंट से बात करने का आश्वासन दिया है.