निरसा/मुगमा: मुगमा स्टेशन स्थित रेलवे का उपकरण बनाने वाली निजी क्षेत्र की कंपनी ओम बेस्को रेल प्रोडक्ट्स लिमिटेड का कारखाना बंद कर दिया गया है. बुधवार को ओम बेस्को प्रबंधन ने कारखाना के गेट पर नोटिस चिपका दिया है. इस महीने की 30 तारीख को कारखाना के उद्घाटन के दो वर्ष पूरे होनेवाले हैं. इसके ठीक पहले आर्थिक घाटा का हवाला देते हुए ओम बेस्को को बंद करने की घोषणा गंभीर चिंता का विषय है. ओम बेस्को के बंद होने से इसमें कार्यरत 200 से अधिक तकनीकी अभियंताओं, सहायक अभियंताओं, ऑपरेटरों व मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. प्रबंधन की इस घोषणा से क्षेत्र के लोगों में निराशा छा गयी है. प्रबंधन के पास मजदूरों का वेतन मद में भी बकाया है. इसके भुगतान पर भी अब संशय की स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
अनुशासन में नहीं रहते मजदूर : बंदी को लेकर प्रबंधन द्वारा जारी नोटिस में कहा है कि उद्योग शुरू से ही लगातार घाटे में चल रहा है. प्रबंधन द्वारा काफी प्रयास के बावजूद स्थिति पर काबू नहीं पाया जा सका. इसलिए इसे बंद करने का फैसला लेना पड़ा. प्रबंधन सूत्रों के अनुसार कंपनी में कार्यरत मजदूर अनुशासन में कार्य नहीं करते थे. इसके कारण समय पर उत्पादन नहीं हो पा रहा था. क्रेता को समय पर उत्पादित माल उपलब्ध नहीं कराया जा रहा था. इससे प्रबंधन को करोड़ों का घाटा उठाना पड़ रहा था. इसलिए बंद करने के सिवाय प्रबंधन के पास और कोई रास्ता नहीं बचा था. मजदूरों व विस्थापितों के नाम पर राजनीतिक आंदोलनों ने भी उद्योग विरोधी माहौल बनाने का काम किया.
सीएम ने ‘मेक इन झारखंड’ की शुरुआत बतायी थी
30 अगस्त, 2015 को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ओम बेस्को का उद्घाटन किया था. श्री दास ने ओम बेस्को कारखाना शुरू होने को ‘मेक इन इंडिया’ की तर्ज पर ‘मेक इन झारखंड’ की शुरुआत बतायी थी.
उद्योग चलेगा, तभी रोजगार : अरूप
ओम बेस्को की स्थापना में सक्रिय व महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले निरसा के विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि ‘मामले की जानकारी मिली है. समस्या समाधान को लेकर दो-तीन राउंड बैठक भी हुई है. क्षेत्र में उद्योग चलेगा, तभी रोजगार मिलेगा. दो-तीन दिनों के अंदर प्रबंधन पक्ष और मजदूर पक्षों के साथ बैठक कर समस्या का समाधान कराने का हर संभव प्रयास किया जायेगा.’
प्रबंधन का कहना है
इस संबंध में कंपनी के वरीय अधिकारी एमके कपूर ने कहा कि कंपनी काफी घाटा में संचालित हो रही थी. मजदूर भी अनुशासन को नहीं मान रहे थे. इसलिए प्रबंधन के पास इसे बंद करने के सिवाय और कोई रास्ता नहीं था. आगे इस कंपनी को लेकर विचार किया जा रहा है.
क्या कहा था प्रबंधन ने
- उद्घाटन के मौके पर ओम बेस्को ग्रुप के चेयरमैन ओमप्रकाश तांतिया ने बताया था कि मुगमा प्लांट में 600 करोड़ रुपये निवेश की योजना है. प्रथम चरण में 110 करोड़ निवेश किया गया है. दूसरे चरण में 250 करोड़ व तीसरे चरण में 250 करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा. पहले चरण में कप्लर व ड्राफ्ट गीयर का निर्माण होगा. दूसरे चरण में रेल बोगी/वैगन निर्माण करने की योजना है.
- प्रथम चरण में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 300-400 लोगों को रोजगार मिलेगा. संस्थान में 90 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रखा जायेगा. दूसरे चरण में जो प्लांट लगाये जायेंगे, उसमें 1000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा.
- झारखंड राज्य का यह पहला कारखाना है, जहां रेलवे के उपकरणों का निर्माण हो रहा था. मुगमा का प्रोजेक्ट 80 एकड़ जमीन में फैला हुआ है. इसमें 15 एकड़ पर कारखाना है. कारखाना में रेल बोगी-वैगन, कप्लर व ड्राफ्ट गीयर का प्रोडक्शन होगा. सालाना 15 हजार टन प्रोडक्शन का लक्ष्य है. इसमें पचास प्रतिशत प्रोडक्ट एक्सपोर्ट किया जायेगा. कुछ विदेशी कंपनियों से करार हुआ है. मुगमा प्रोजेक्ट का सालाना टर्न ओवर लगभग 200 करोड़ का होगा.
- कंपनी 1960 से रेलवे से जुड़ी हैं. पिछले 50 वर्षों से भारतीय रेलवे के लिए रेल सामग्री बना रही है. कंपनी का दो प्लांट पश्चिम बंगाल में हैं. वहां वैगन तैयार कर रेलवे को दिया जाता है. साल में 200 वैगन तैयार किया जाता है.