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लोगों के मौलिक अधिकारों पर हमला है धर्मांतरण बिल : मरांडी

रांची: राज्य सरकार द्वारा धर्मांतरण बिल कैबिनेट से पारित होने के बाद झाविमो अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने रघुवर सरकार को आड़े हाथों लिया है. श्री मरांडी ने बुधवार काे पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए कहा है कि सरकार ने धर्मांतरण कानून लाकर नागरिकों के मौलिक अधिकार पर कुठाराघात किया […]

रांची: राज्य सरकार द्वारा धर्मांतरण बिल कैबिनेट से पारित होने के बाद झाविमो अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने रघुवर सरकार को आड़े हाथों लिया है. श्री मरांडी ने बुधवार काे पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए कहा है कि सरकार ने धर्मांतरण कानून लाकर नागरिकों के मौलिक अधिकार पर कुठाराघात किया है. यह नागरिक की स्वतंत्रता पर हमला है.
श्री मरांडी ने कहा कि भाजपा की सरकार कानून और संविधान मानने के लिए तैयार नहीं है. ये हमेशा कानून-कायदे की धज्जियां उड़ाते रहे हैं. संविधान में साफ उल्लेख है कि कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छा से किसी भी धर्म को मानने के लिए स्वतंत्र है. कोई दूसरा धर्म स्वीकार करेगा, तो इसके लिए उपायुक्त को लिख कर देने की क्या जरूरत है. यह आस्था का सवाल है, उसमें उपायुक्त कौन होते हैं अनुमति देनेवाले? श्री मरांडी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति का जबरदस्ती धर्म परिवर्तित किया जा रहा है, तो इसके खिलाफ दंड का प्रावधान पहले से है. आइपीसी की धारा 15 और 295-ए के तहत सजा का प्रावधान है. श्री मरांडी ने पत्रकारों से कहा कि अब सरकार दारू बेच रही है. यह 2019 की तैयारी है.
हेमंत सोरेन ने भी बिल का किया विरोध, कहा आतंकित करने का हथकंडा
रांची. प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने कैबिनेट द्वारा धर्मांतरण बिल का प्रस्ताव पारित करने का विरोध किया है. श्री सोरेन ने कहा कि विधेयक का नाम धर्म स्वतंत्र विधेयक है, लेकिन राज्य की जनता कौन सा धर्म मानेगी, अब इसका फैसला राज्य सरकार करेगी. यह विधेयक धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए नहीं लाया जा रहा है. अल्पसंख्यक समुदाय को प्रताड़ित और आतंकित करने के लिए लाया जा रहा है. सरकार उन कारणों पर ध्यान दे, जिनसे धर्म परिवर्तन को बल मिलता है.

श्री सोरेन ने कहा कि सरकार को जन समस्याएं नहीं दिख रही हैं. अस्पताल में दवा नहीं है, स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है. सरकार का इन पर ध्यान नहीं है. श्री सोरेन ने कहा कि राजनीति का एक धर्म होना चाहिए, वह है मानव सेवा का धर्म. सरकार की जिम्मेवारी है कि वह वंचित व्यक्तियों तक सुविधाएं बढ़ाये. सरकार राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रही है. विभिन्न धर्मों को अापस में लड़ा कर अपनी विफलता छिपा रही है. सरकार झारखंडी समाज को अपमानित कर रही है. यहां सदभाव का माहौल बिगाड़ना चाहती है. झामुमो सरकार के जनविराेधी निर्णय का डट कर मुकाबला करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार को यहां के आदिवासी-मूलवासी की चिंता होती, तो सीएनटी-एसपीटी संशोधन बिल नहीं लाती

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