नयी दिल्ली : पांचवीं और आठवीं की परीक्षा में किसी बच्चे को फेल ना करने की पॉलिसी पर सरकार पुनर्विचार कर सकती है. आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस मसले पर फैसला संभव है. अगर कैबिनेट में इस मुद्दे पर सहमति बन गयी, तो पांचवीं और आठवीं की परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद ही बच्चों को आगे की कक्षा में भेजा जायेगा.
लेकिन अप्रैल महीने में सरकार ने एटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी से यह पूछा था कि क्या हम ‘राइट टु एजुकेशन’ में संशोधन कर नौवीं कक्षा में पदोन्नति के लिए कुछ मापदंड तय किये जा सकते हैं. सरकार आठवीं और पांचवीं से आगे की कक्षा में पदोन्नति को कंडीशनल बनाना चाहती है. चूंकि आज कैबिनेट में इस मुद्दे पर फैसला संभव है, तो हो सकता है कि मुकुल रोहतगी ने सरकार को इस विषय में कोई सलाह दी हो. एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर भी पिछले कुछ दिनों से इस ‘नो फेल’ नीति को बदलने के मूड में दिख रहे हैं.