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नीतीश ”पलटूराम”, मेरे लड़के का बलिदान लेना चाहते थे : लालू प्रसाद यादव

पटना : राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने जदयू-एनडीए सरकार के अगुवा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पहले प्रेस कान्फ्रेंस के बाद आज जवाबी प्रेस कान्फ्रेंस कर नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि वे राजनीति के पलटू राम हैं. उन्होंने […]

पटना : राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने जदयू-एनडीए सरकार के अगुवा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पहले प्रेस कान्फ्रेंस के बाद आज जवाबी प्रेस कान्फ्रेंस कर नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि वे राजनीति के पलटू राम हैं. उन्होंने कहा कि कल नीतीश कुमार कह रहे थे कि हमने उनको नेता बनाया है, लेकिन उन्हें यह कहने में शर्म भी नहीं आयी. उन्होंने कहा कि वे हर जगह बड़े भाई से चंदन लगवा कर जाते हैं. लालू प्रसाद यादव ने कहा कि महागंठबंधन सरकार में तेजस्वी यादव शानदार प्रदर्शन करने लगे, ऐसे में नीतीश कुमार के कान खड़े हो गये. नीतीश कुमार मेरे लड़के का बलिदान लेना चाहते थे.

लालू प्रसाद यादव ने कहा कि जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में संपूर्ण क्रांति की लड़ाई लड़ी गयी थी और गांधी मैदान में मेरी अध्यक्षता में पहली बैठक हुई थी. हमने तब लोकनायक का जनता की ओर से सम्मान किया था.लालूप्रसादयादव ने कहा कि जेपी आंदोलन के दौरान नीतीश कुमार का कहीं अता-पता नहीं था. पटना विमेंस कॉलेज की लड़कियों, मगध महिला कॉलेज की लड़कियों, हमारी बहनों सभी ने मुझे वोट देकर जीत दिलायी थी. मैं 1970-71 के सत्र में महासचिव बना था.

लालू प्रसाद यादव ने कहा कि छात्र आंदोलन के दौरान मैं संचालन समिति का अध्यक्ष बना था, स्टेयरिंग कमेटी बनायी गयी थी. शिवानंद तिवारी उसके सदस्य थे. जब शिवानंद तिवारी आंदोलन में जेल चले गये तो उन्होंने नीतीश कुमार को कमेटी में अपना नॉमिनी बनाया था. लालू ने कहा कि उस समय सुशील कुमार मोदी हॉफ पैंट पहन कर घूमते थे और विद्यार्थी परिषद में काम करते थे.

लालू प्रसाद यादव ने कहा कि नीतीश कुमार को शरद यादव ने बनाया. शरद यादव अब इनका पक्ष नहीं ले रहे हैं. शरद यादव ने अपना जीवन दावं पर लगा दिया था इनको चुनाव में मेरे खिलाफ जीताने के लिए. इनका पूरा चरित्र उजागार हो गया. लालू प्रसाद यादव ने 1989 में बाढ़ से रामलखन सिंह यादव खड़ा हो रहे थे, वहीं से नीतीश लड़ रहे थे. तब हमने रामलखन बाबू से कहा – सर, आपसे प्रार्थना कर रहे हैं, छोड़ दीजिए. हमने रामलखन बाबू को आरा से लड़ने को कहा.

लालू प्रसाद यादव ने कहा कि नीतीश कुमार पर मुझे कभी भरोसा नहीं रहा.मेरेदोनों बच्चों व पत्नी के सामनेउन्होंने कहा कि मुझे भाई साहब एक मौका दीजिए. महागंठबंधन का नेता इसलिए हमने इन्हें नहीं घोषित किया, मैंने मुलायम सिंहसे कहा मैं जनता को किस मुंह से जवाब दूंगा, आप ही इन्हें नेता घोषित कीजिए. उस समय मैंने कहा था कि मैं सांप्रदायिक ताकतों की पराजय को लिए जहर का घूंट भी पी लूंगा. उन्होंने कहा कि नीतीश शुरू से सांप्रदायिक हैं और सामंतों के साथ रहे हैं, इस बात को सब लोग जानते हैं. उनकी पार्टी के लोग भी यह जानते हैं. उन्होंने कहा कि गरीबों-दलितों को उठाने में मेरा योगदान रहा है.

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