नयी दिल्ली : पहला टेस्ट रिकॉर्ड रन से जीतने के बाद टीम इंडिया का श्रीलंका के खिलाफ दूसरा टेस्ट मैच तीन अगस्त से शुरू होगा. तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का यह दूसरा टेस्ट निर्णायक होगा, क्योंकि अगर भारत जीतने में सफल रहा, तो वह सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त ले लेगा.
श्रीलंका की जीत उसे सीरीज में बराबरी दिलायेगी. हालांकि क्रिकेट आंकड़ों का गेम है और देखा जाये, तो भारत का पलड़ा भारी रहा है. भारतीय टीम यहां पर 2008 के बाद से कोई मैच नहीं हारी है. कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने कोलंबो के इस सिंहली स्पोर्ट्स क्लब ग्राउंड पर श्रीलंका को अंतिम टेस्ट मैच (2015) में मात दी थी.
* सिर्फ दो बार हारा है भारत
भारत को सिंहली स्पोर्ट्स क्लब ग्राउंड में केवल दो बार हार मिली है. यहां पर भारत ने पहला टेस्ट मैच 1985 में खेला था.
* गेंदबाजी में कुंबले का रहा है दबदबा
टीम इंडिया के पूर्व मुख्य कोच अनिल कुंबले का श्रीलंका के इस क्रिकेट ग्राउंड में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन रहा है. कुंबले ने यहां 4 मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 16 विकेट लिये हैं. यहां तेज गेंदबाजों को भी दबदबा रहा है. इशांत शर्मा 3 मैच में 11 विकेट लिये हैं. कपिल देव को दो मैच में 7 विकेट मिले. ‘टर्बनेटर’ हरभजन सिंह का प्रदर्शन भी सिंहली स्पोर्ट्स क्लब ग्राउंड पर अच्छा रहा है. भज्जी ने 4 मैच में 9 विकेट झटके हैं.
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* बल्लेबाजी में सचिन का रहा है दबदबा
सिंहली स्पोर्ट्स क्लब ग्राउंड में अगर बल्लेबाजों की बात करें तो यहां क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का दबदबा रहा है. सचिन ने यहां 5 मैच में 698 रन बनाये हैं, जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 203 रन रहा है. सचिन के अलावा गांगुली ने 4 मैच में 384 रन बनाये हैं.
* पुजारा ने चमक बिखेरी
पिछली बार 2015 में जब कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया श्रीलंका दौरे पर आयी थी, तो कोलंबो में खेला गया टेस्ट मैच भारत 117 रनों से जीतने में सफल रहा था. चेतेश्वर पुजारा ने पहली पारी में नाबाद 145 रन बनाये थे.
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* वर्तमान टीम के अधिकतर के पास सिर्फ एक मैच खेलने का अनुभव
वर्तमान टीम में पुजारा को छोड़ कर भारतीय क्रिकेटरों का प्रदर्शन खास नहीं रहा है. शानदार फॉर्म में चल रहे विराट कोहली अपना रिकॉर्ड सुधारने उतरेंगे. कप्तान ने सिर्फ एक मैच खेला है और कुल 39 रन बनाये हैं. वहीं गेंदबाजी की बात करें, तो आर अश्विन, उमेश यादव के पास सिर्फ एक-एक मैच खेलने का अनुभव है. जडेजा, रहाणे, लोकेश राहुल के लिए भी यह ग्राउंड लकी नहीं रहा है.