13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

विद्यालय में विषयवार शिक्षक नहीं, पढ़ाई पर असर

अनदेखी जर्जर कमरों में पढ़ने को विवश हैं पटेल हाइस्कूल के छात्र, कई कमरों के छप्पर हो चुके हैं ध्वस्त बिहारशरीफ : राजकीय पटेल उच्च विद्यालय बिहारशरीफ जिले का एक पुराना विद्यालय है. सोमवार की दोपहर विद्यालय में पहुंचने पर शांति दिखी. विद्यालय के प्रवेश द्वार के सामने ही विद्यालय के कार्यालय कक्ष में प्रधानाध्यापिका […]

अनदेखी जर्जर कमरों में पढ़ने को विवश हैं पटेल हाइस्कूल के छात्र, कई कमरों के छप्पर हो चुके हैं ध्वस्त

बिहारशरीफ : राजकीय पटेल उच्च विद्यालय बिहारशरीफ जिले का एक पुराना विद्यालय है. सोमवार की दोपहर विद्यालय में पहुंचने पर शांति दिखी. विद्यालय के प्रवेश द्वार के सामने ही विद्यालय के कार्यालय कक्ष में प्रधानाध्यापिका गजाला तबस्सुम कागजातों में व्यस्त दिखीं. कार्यालय कक्ष के बगल के दो कमरों में विद्यार्थियों की पढ़ाई चल रही थी. हालांकि वर्ग में विद्यार्थियों की संख्या पर्याप्त नहीं थी.अपने स्थापना काल के दो -तीन दशकों तक विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या क्षमता से अधिक होती थी. अब विद्यालय की जर्जर स्थिति तथा बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण यहां पढ़ने वाले छात्रों की संख्या काफी कम हो गई है.
विद्यालय के 10 वीं कक्षा में मात्र 45 छात्र नामांकित है. इसी प्रकार 9 वीं कक्षा में भी 62 छात्र ही नामांकन कराये है. यहां इंटरमीडिएट की पढ़ाई भी शुरू नही हुई है. विद्यालय में विषयवार शिक्षकों का अभाव तो है ही, इसके साथ ही साथ भवन क ा जर्जर होना भी छात्रों के लिए बाधा बन रही है. विद्यालय में प्रमुख विषयों हिंदी तथा अंग्रेजी के शिक्षक नहीं है.
लाइब्रेरियन तथा गेम टीचर भी विद्यालय में नही हैं. विद्यालय का भवन काफी पुराना है जो अब काफी जर्जर स्थिति में है. विद्यालय के एक तरफ बने तीन खपरैल कमरों के छप्पर जगह-जगह से गिर रहे हैं. इसके कारण वर्षों से यहां पठन-पाठन का कार्य नहीं किया जा रहा है. पहली मंजिल पर ही एक अर्द्धनिर्मित कमरा खड़ा है इसकी छतों की ढलाई नहीं हुई है.कहने को तो विद्यालय में कुल 11 कमरे हैं लेकिन इनमें से 5 कमरें बेकार हो चुके हैं जबकि शेष 6 कमरों में से दो कमरों में प्रयोगशाला तथा पुस्तकालय का काम किया लिया जाता है. एक कमरा स्टाफ रूम तथा दूसरा कमरा कार्यालय कक्ष के रूप में इस्तेमाल होता है. विद्यालय में पठन-पाठन के लिए सिर्फ दो कमरे बचे हुए है.
खेल का मैदान का अभाव :
पटेल उच्च विद्यालय एक छोटे से भूखंड पर बनाया गया है. इसके दो तरफ कमरे बनाए गए है जबकि एक तरफ से तिरछा होकर आम रास्ता गुजरता है. जमीन कम होने के कारण थोड़े से खाली जगह में छात्र अपनी साईिकल आदि खड़ी करते है. छात्रों को खेलने -कूदने के लिए जरा भी जगह नहीं है. बच्चे कैरमबोर्ड आदि खेलकर ही अपना खाली समय व्यतीत करते हैं. हालांकि जिले के सभी विद्यालयों को खेल सुविधा प्रदान करने का निर्देश जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा दिया गया है. इस विद्यालय के पास तो खेल का मैदान ही नहीं है.
पेयजल तथा शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं :
विद्यालय में पेयजल के लिए एक चापाकल अवश्य है, लेकिन इसका पानी साफ नहीं रहने के कारण यह पीने के काम में नहीं आता है.इसी प्रकार यहां पांच शौचालय तथा कु छ पेशाब खाने भी बने है लेकिन पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध नहीं होने के कारण दोनों अनुपयोगी हो चुके है. विद्यालय के छात्रों ने बताया कि पेयजल तथा शौचालय की समस्या के कारण उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है.
बुनियादी सुविधाओं का अभाव :
विद्यालय में बुनियादी सुविधाओं का सर्वत्र अभाव है. पुस्तकालय से लेकर प्रयोगशाला तक काम चलाऊ रूप में संचालित है. उपकरण है, तो आवश्यक केमिकल तथा जरूरी संसाधन मौजूद नहीं है. इसी प्रकार पुस्तकालय में भी नई पुस्तकों की कमी नजर आती है. दर्जनों जोड़े बेंच-डेस्क एक कमरे में बेकार पड़े है, जहां टूटे खपरैल की छत से पानी भी टपकता है अन्य जरूरी सुविधाओं का भी अभाव है.
क्या कहती हैं प्रधानाध्यापिका :
विद्यालय के कमरों की जर्जर स्थिति के बारे में विभाग को कई बार लिखा गया है , लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है. विद्यालय को नये सिरे से सुसज्जित करने की जरूरत है.
-गजाला तबस्सुम, प्रधानाध्यापिका, पटेल उच्च विद्यालय बिहारशरीफ.
क्या कहती हैं एचएम
विद्यालय के कमरों की जर्जर स्थिति के बारे में विभाग को कई बार लिखा गया है , लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है. विद्यालय को नये सिरे से सुसज्जित करने की जरूरत है.
गजाला तबस्सुम, प्रधानाध्यापिका, पटेल उच्च विद्यालय बिहारशरीफ.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें