गढ़वा: गढ़वा जिले में कांग्रेस पार्टी को खोयी हुई जमीन वापस दिलाने के लिए सांगठनिक रूप से मजबूत करने का अभियान शुरू कर दिया गया है़ इसी क्रम में गढ़वा जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद का चुनाव एक अगस्त को होना तय किया गया है़. इसके लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता विक्रम पांडेय को जिला निर्वाचन पदाधिकारी के रूप में नियुक्त कर प्रदेश नेतृत्व द्वारा गढ़वा भेजा जा रहा है़ पूर्व मंत्री चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे के गढ़वा स्थित आवास पर जिलाध्यक्ष पद के लिए कार्यकर्ताओं के साथ रायशुमारी की जायेगी़.
बताया जाता है कि रायशुमारी में यदि किसी एक के नाम पर सर्वसम्मति नहीं बनी, तो चुनावी प्रक्रिया अपनायी जा सकती है़ पार्टी के वर्तमान जिलाध्यक्ष आशिक अंसारी गढ़वा जिले में लंबे समय से इस पद को संभाले हुए है़ं उनके पूर्व कमर सफदर पार्टी के जिलाध्यक्ष पद पर रह चुकी है़ं जबकि कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में रामवृक्ष यादव व शशिकांत दुबे भी कुछ समय तक जिम्मेवारी निभा चुके है़ं इस बार का कांग्रेस जिलाध्यक्ष का चुनाव कई मामलों में काफी अहम है़, जिसके लिए वर्तमान जिलाध्यक्ष के अलावा कई अन्य दावेदार भी है़ं इसमें कमर सफदर, रामवृक्ष यादव, श्रीकांत तिवारी, ओबैदुल्लाह हक अंसारी सहित कई नाम शामिल है़ं उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व युथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष के पद पर प्रभात कुमार दुबे का चुनाव व गढ़वा विधानसभा यूथ अध्यक्ष के पद पर मो अजहर इकबाल का चुनाव कर संगठन को धार देने का काम किया गया है़.
गढ़वा व भवनाथपुर विधानसभा में पार्टी कमजोर स्थिति में :गढ़वा जिले में कांग्रेस पार्टी का मुख्य जनाधार अनंत प्रताप देव (वर्तमान में भाजपा में हैं)के नेतृत्व में भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र तथा पूर्व मंत्री चंद्रशेखर दुबे के नेतृत्व में विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र में मजबूत स्थिति में माना जाता रहा है़ लेकिन गढ़वा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी का जनाधार काफी कमजोर स्थिति में है़.
बीच में कुछ समय तक वरिष्ठ नेता अमृत शुक्ला के नेतृत्व में गढ़वा विस में कांग्रेस सक्रिय हुई थी, जिससे लगने लगा था कि यहां कांग्रेस के दिन बहुरेंगे़ लेकिन 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-राजद गंठबंधन के बाद उन्होंने इस क्षेत्र को छोड़ दिया़, जिसके बाद से पार्टी गढ़वा विधानसभा में लगातार कमजोर हो गयी़ भवनाथपुर विधानसभा में भी अनंत प्रताप देव के 2014 के चुनाव में भाजपा का दामन थामने के बाद वहां भी पार्टी वर्तमान में काफी कमजोर स्थिति में है़ ऐसे में कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष का चुनाव इस मायने में अहम है कि नये जिलाध्यक्ष को इन दोनो क्षेत्रों में पार्टी को मजबूत करने की चुनौती होगी़.