10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जाली नोट आैर काली कमार्इ करने वालों पर सरकार ने दिखायी सख्ती, जब्त किये गये 562 करोड़

नयी दिल्ली: पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश के बाजारों में संदिग्ध लेन-देन, जाली नोट, सीमा पार से धन के अंतरण के पकड़े गये मामले बढ़कर दोगुना हो गये तथा 560 करोड़ रुपये के कालेधन का खुलासा हुआ. एक सरकारी रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. वित्त मंत्रालय के प्रतिष्ठित तकनीकी जांच निकाय फाइनेंसियल […]

नयी दिल्ली: पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश के बाजारों में संदिग्ध लेन-देन, जाली नोट, सीमा पार से धन के अंतरण के पकड़े गये मामले बढ़कर दोगुना हो गये तथा 560 करोड़ रुपये के कालेधन का खुलासा हुआ. एक सरकारी रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. वित्त मंत्रालय के प्रतिष्ठित तकनीकी जांच निकाय फाइनेंसियल इंटेलीजेंस यूनिट (एफआईयू) की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान बड़ी संख्या में ऐसी घटनाएं सामने आयीं.

इस खबर को भी पढ़ेंः 2000 रुपये के 103 जाली नोट बरामद

सभी बैंक और वित्तीय कंपनियां देश के धन-शोधन एवं आतंकवाद वित्तपोषण निरोधक उपायों के अनुपालन की बाध्यता के तहत ऐसे किसी भी प्रकार के लेन-देन की खबर इस यूनिट को देती हैं. हाल की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2015-16 में एफआईयू को ऐसी रिपोर्ट मिलने, उसके प्रोसेस और वितरण में खासी वृद्धि हुई. उसके अनुसार, नकद लेन-देन रिपोर्ट की संख्या 2014-15 के 80 लाख से बढ़कर 2015-16 में 1.6 हो गया, जबकि संदिग्ध लेन रिपोर्ट 58,646 से बढ़कर 1,05,973 हो गयी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि जाली नोट के चलन संबंधी दर्ज रिपोर्ट में 16 फीसदी और लाभ-निरपेक्ष संगठनों के लेनदेन की रिपोर्ट में 25 फीसदी हो गयी. इस दौरान सीमापार इलेक्ट्रानिक अंतरण के पकड़े गये संदिग्ध मामलों में 850 फीसदी वृद्धि हुई. इस केंद्रीय एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम अधिनयम की विभिन्न धाराओं के तहत नियमों का उल्लंघन करने वाले निकायों को रिकाॅर्ड 21 पाबंदियां भी जारी की. इस एजेंसी पर भारतीय बैंकिंग एवं अन्य वित्तीय चैनलों में संदिग्ध लेन-देनों का विश्लेषण का जिम्मा है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें