16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जनमत के विपरीत

बिहार में नीतीश कुमार ने जो किया है या हुआ, उसे राजनीति की संज्ञा नहीं दी जा सकती. राजनीति और शासन व्यवस्था को मजाक बना कर रख दिया गया है. पांच बार सीएम बने और तीन बार इस्तीफा देकर छठी बार शपथ ग्रहण किया. इसे स्वार्थ सिद्धि की राजनीति कहना गलत नहीं होगा. भाजपा का […]

बिहार में नीतीश कुमार ने जो किया है या हुआ, उसे राजनीति की संज्ञा नहीं दी जा सकती. राजनीति और शासन व्यवस्था को मजाक बना कर रख दिया गया है. पांच बार सीएम बने और तीन बार इस्तीफा देकर छठी बार शपथ ग्रहण किया. इसे स्वार्थ सिद्धि की राजनीति कहना गलत नहीं होगा.
भाजपा का साथ छोड़कर लालू प्रसाद यादव के साथ आये और फिर वापस भाजपा की गोद में जा बैठे. जिसकी आलोचना करते रहे अब उसी का महिमा मंडन करते नजर आ रहे हैं. निश्चित रूप से नीतीश सरकार ने जनमत के विपरीत दिशा में कार्य किया है. उनका अब यह कहना कि जनता ने किसी एक परिवार के लिए नहीं जनसेवा हेतु चुना था, तो यह बात 20 माह पहले समझ में क्यों नहीं आया था?
गुलाम गौस आसवी, मदनाडीह, धनबाद

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें