इसी मांग को लेकर शनिवार को अरविन्द भवन के पास एसएफआइ ने एक धरना दिया. छात्रों की मांग है कि समय पर चुनाव हो जाने चाहिए. इस धरने में डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फ्रंट व अन्य छात्रों ने भी हिस्सा लिया. उल्लेखनीय है कि कैंपस में छात्र संघ चुनाव कराने के लिए कुलपति सुरंजन दास ने फरवरी माह की अनुमति मांगी है. यूनिवर्सिटी की एग्जिक्यूटिव काउंसिल की बैठक में विचार-विमर्श के बाद यह फैसला लिया गया.
इसी के आधार पर प्रस्ताव भेजा गया. एग्जिक्यूटिव काउंसिल यूनिवर्सिटी की उच्च-स्तरीय निर्णायक बॉडी है. उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कुलपति को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि सलाहकार कमेटी व छात्रों से सलाह लेकर छात्र संघ चुनाव कराये जायेंगे. इसमें अभी हड़बड़ी करने की जरूरत नहीं है. पत्र में यह भी सलाह दी गयी है कि बंगाल के उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्र संघ चुनाव की एक रणनीति बनायी जाये. इस मामले में कुछ शिक्षाविदों का कहना है कि सरकार का स्वायत्तशासी संस्थानों के कामकाज में दखलअंदाजी करना उचित नहीं है.
वे चुनाव कराने के लिए अपना फैसला ले सकते हैं. शिक्षा विभाग के पत्र में यह भी कहा गया है कि जमीनी स्तर पर सार्वजनिक परीक्षाओं में कुछ बदलाव नहीं किया जा सकता है, कई लाख परीक्षार्थी बोर्ड परीक्षा के लिए बैठते हैं, यह एक महत्वपूर्ण परीक्षा है. तिथि परीक्षाओं को ध्यान में रखकर ही तय की जायेगी. काउंसिल के निर्णय से कई सदस्य सहमत नहीं है. सभी सदस्य इस पर दुबारा विचार करेंगे.