बिहार में सरकार बदलने के साथ ही शनिवार को मंत्रिमंडल का विस्तार भी हो गया. इस दौरान राजनीतिक चर्चाएं काफी तेज रहीं. शहर से लेकर गांव तक लोग दिन भर चर्चा करते रहे कि कौन मंत्री बनेगा और कौन नहीं. कोई भाजपा के ज्यादा मंत्री बनवा रहा था, तो कोई जदयू के. रालोसपा, हम और लोजपा के कार्यकर्ताओं में भी काफी उत्साह देखने को मिला. कल तक एक-दूसरे का विरोध करने वाले कार्यकर्ता दो दिनों में ही अब तारीफ करने लगे हैं. कोई नीतीश कुमार को सही बता रहा, तो कोई गलत. हर किसी के अपने तर्क हैं. इस दौरान प्रभात खबर की टीम ने विभिन्न जिलों में जाना कि लोग इस सत्ता परिवर्तन को किस तरह से देख रहे हैं.
अपने-अपने आईने से इस परिवर्तन को देख रहे हैं ग्रामीण
पटना: बिहार में आमजन अपने-अपने आइने से इस परिवर्तन को देख रहे हैं. कुछ लोग नीतीश कुमार द्वारा लालू व राहुल का साथ छोड़ कर एनडीए के साथ सरकार बनाने के निर्णय को सही मान रहे हैं. वहीं, कुछ लोग इसे विश्वासघात मान रहे हैं. पटना जिले में मनेर, मोकामा, पटना सिटी, मसौढ़ी, बिहटा, दुल्हिनबाजार, पंडारक आदि जगहों पर चौपाल या अन्य जगहों पर अभी यही चर्चा का बाजार गरम है. जितने ग्रामीण नीतीश के इस निर्णय को सही मान रहे हैं, उसकी तुलना में उनका विरोध करनेवालों की संख्या कम है. अधिकतर लोगों का मानना है कि अब विकास की गाड़ी पटरी पर दौड़ेगी.
मोकामा प्रखंड कार्यालय के पास पीपल के पेड़ के नीचे राजनीतिक चर्चा का बाजार गरम था. लोग बिहार में बदलते राजनीतिक परिदृश्य पर सवाल-जवाब कर रहे थे. शर्मा जी ने कहा कि नीतीश कुमार का यह सराहनीय कदम है. भ्रष्टाचार के खात्मे से ही गांव समाज का सही विकास होगा. वहीं, पटना सिटी में कंगन घाट के किनारे रहने वालों में शनिवार की शाम सजी चौपाल में बिहार की वर्तमान सियासत पर चर्चा हो रही थी. फुरसत के पल में सियासी चर्चा में मशगूल वकील राय कहते हैं लालू यादव मरद नेता हैं. नीतीश ने जनता को धोखा दिया.
केहू के सरकार बनो, हमनी के उहे करे के बा, जवन करत बानी
सीवान
जिले के बड़हरिया प्रखंड का इनायत छपरा गांव. जहां लोग दोपहर को पेड़ की छांव तले बैठ कर सरकार बदलने को चर्चा में मशगूल हैं. लोगों में राजनीतिक परिदृश्य अचानक बदल जाने पर अचरज व महागठबंधन टूटने व भाजपा के साथ नये गठजोड़ को लेकर अचंभा भी दिख रहा था. कुछ में राजद से नीतीश कुमार का नाता तोड़ने पर गुस्सा भी है, तो कुछ इस नयी सरकार से खुश भी हैं. गांव के चौपाल पर बैठ कर आपस में चर्चा कर रहे लोगों से जब नयी सरकार के गठन पर प्रतिक्रिया ली गयी, तो इनके विचार अजीबोगरीब लगे. 70 साल के राधा चौधरी कहते हैं कि केहू के सरकार बनो, हमनी के उहे करेके बा, जवन करत बानी. वहीं विक्रमा यादव कहते हैं कि किसी की सरकार बने, प्रदेश का विकास होना चाहिए. अब नीतीश कुमार के विकास कार्यों के लिए धन की कमी का रोना नहीं होगा. क्योंकि राज्य व केंद्र की सरकार में एकरूपता है. वहीं रामाजी कहते हैं कि जातीय संतुष्टि से ज्यादा हितकर प्रदेश व देश का विकास है.जबकि रमाकांत प्रसाद कहते हैं लालू यादव को अपने बेटे तेजस्वी से इस्तीफा दिलाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को आगे आकर समस्या का समाधान निकालना चाहिए था. भोला कुमार कहते हैं कि राजद सुप्रीमो के पास धन हो जाने से आम यादव को क्या हासिल हो गया. वहीं फूल मोहम्मद कहते हैं कि जनादेश के खिलाफ नीतीश कुमार ने यह काम किया है. बहरहाल, इस चौपाल में मौजूद अधिकतर ग्रामीण इस बात से सहमत थे कि नीतीश कुमार प्रदेश के समुचित विकास के लिए कृत संकल्पित हैं. चौपाल में रामनाथ यादव, गणेश यादव, राम विलास, मनोज कुमार, रमाकांत प्रसाद, अनिल कुमार समेत अन्य उपस्थित थे.
जब बदल गयी सरकार, तो बदल जायेगी प्रदेश की व्यवस्था
गोपालगंज
सुबह के आठ बजे हैं. चाय की दुकान पर बैठ कर कुछ लोग चाय की चुस्कियां ले रहे हैं. बिहार की वर्तमान राजनीति पर चर्चाओं का बाजार गरम है. चर्चा करनेवालों में राजनीतिक पार्टियों के अलावा आम लोग भी हैं. बात शुरू होती है विकास से. मंडल बाबा कहते हैं कि नीतीश जी अब भाजपा के साथ आ गये हैं. सरकार बदल गयी है. अब तो बिहार का विकास हो जायेगा. तभी मोती भाई कहते हैं, सबसे बड़ा काम तो होगा, अपराध रुकेगा. तभी एक आदमी कहता है कि सबसे जरूरी है शिक्षा में सुधार. पूरी शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गयी है. ज्ञानीजी कहते हैं, तुम लोग यही समझे, अब बिहार बदल जायेगा. बहुत दिनों के बाद केंद्र और राज्य में समान पार्टी की सरकार है. विकास तो घर-घर होगा. मनहरण लाल कहते हैं, देखते रहो विकास होगा कि फिर बदलाव होगा. इ सब ज्यादा दिन तक चलनेवाला नहीं है. राजद के साथ धोखा हुआ है. तभी राम बाबू कहते हैं, तुम राजद है का जी. इसी प्रकार कोई विकास की बात तो कोई इसे धोखा की बात बता रहा है. बिहार में भाजपा के साथ मिल कर नीतीश कुमार की इस पारी की चर्चा चाय-पान की दुकानों तक हो रही है. कोई राजद का गुणगान तो कोई नीतीश की ईमानदारी का बखान कर रहा है. यहां अब जीरो टॉलरेंस भी हर जुबान पर है. इन सब के बावजूद सबके मन में विकास की एक नयी उम्मीद है. विकास होगा कि नहीं, यह बात दीगर है लेकिन इस बरसात में कुछ दिनों के लिए लोगों को बहस का एक नया मुद्दा मिल गया है. लोगों का मानना था कि केंद्र और राज्य में एक ही गठबंधन की सरकार होने से विकास कार्यों को गति मिल सकेगी और इससे लोगों को फायदा होगा.
नयी सरकार में साकार हो सकेगा सात निश्चयों का सपना
जहानाबाद
जिले के करपी प्रखंड क्षेत्र के किंजर ग्राम पंचायत दुर्गा मंदिर के समीप शनिवार को चौपाल लगाया गया. जहां एनडीए की नई सरकार से लोगों ने अपनी उम्मीदें व्यक्त की. हर जाति, धर्म, समाज से जुड़े दर्जनों लोगों द्वारा मंत्रिमंडल गठन के पूर्व तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे थे. एक स्वर में लोगों ने कहा कि उम्मीद है बेहतर करेगी सरकार. कुछ किसानों ने सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि किसान विरोधी है सरकार. हमें फसल की उचित कीमत नहीं मिलती. अवकाश प्राप्त शिक्षक रामचंद्र सिंह ने कहा कि नीतीश जी मकड़जाल से निकले हैं. महागठबंधन की सरकार ने बस एक ही परिवार को हर तरह का लाभ मिल रहा था. विकास की गति मंद पड़ गयी थी. अब सात निश्चय का सपना साकार हो सकेगा. वहीं कुछ लोग ने चर्चा में कहा कि पढ़ाई बदतर है. शिक्षक अनुभवहीन हैं. कोचिंग में छात्रों का आर्थिक दोहन किया जा रहा है. हम लोग की उम्मीद है कि यह सरकार बेहतर करेगी. सरकार के बदलाव से आम लोग खुश हैं जहां हम लोग आज चौपाल लगाये बैठे हैं. इसी मंच से लालू व राबड़ी ने किंजर को प्रखंड बनाने का आश्वासन लोगों को दिया था. लेकिन किंजर प्रखंड नहीं बन सका. उम्मीद है कि नई सरकार किंजर को प्रखंड का दर्जा दिलायेगी. वहीं महरिया साईफन के निर्माण पर भी चर्चा हुई. लोगों ने कहा कि निर्माण से हजारों हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी. पानी की बरबादी बंद होगी. चौपाल में प्रधान जी उर्फ छत्रपति सिंह, श्याम बिहार सिंह उर्फ स्वामी जी, मदन सिंह, जितेंद्र सिंह, शत्रुघ्न ठाकुर, वीर कुंवर सिंह, शिव बालक राम, भरत सिंह, जगमोहन सिंह, गुड्डू सिंह, किशोरी राम, सत्येंद्र राम, मनीष कुमार आदि मौजूद थे.
केंद्र सरकार के सहयोग से लंबी छलांग लगायेगा बिहार
आरा
बिहार में हुए सत्ता परिवर्तन और राजग की बनी सरकार के बाद सूबे में विकास की बयार बहने की उम्मीदें लोगों में जगने लगी हैं. लोगों को उम्मीद है कि राजग सरकार के गठन के बाद बिहार विकास की नयी ऊंचाइयों को छुयेगा. लोगों ने विश्वास जताया है कि कानून व्यवस्था की स्थिति अब ठीक होगी. अपराधियों पर नकेल कसेगा. वहीं केंद्र तथा प्रदेश में एक ही गठबंधन की सरकार होने से विकास के नये आयाम गढ़े जायेंगे. हर क्षेत्र में विकास के कार्य होंगे तथा लोगों का पलायन भी रुकेगा. केंद्र के सहयोग से राज्य में विकास की लकीर खींची जा सकती है. विकास को लेकर क्या-क्या होना चाहिए. इस पर प्रभात खबर द्वारा चौपाल का आयोजन किया गया. प्रभात चौपाल में हर वर्ग के लोग शामिल हुए और अपनी बातों को खुल कर सामने रखा. मो शमीम का कहना था कि बिहार पिछड़े राज्यों की श्रेणी से बाहर बिहार निकलेगा. वर्षों बाद यह स्थिति है कि राज्य व केंद्र में एक जैसी ही सरकार है. इससे सूबे के विकास को लेकर हमारी अपेक्षाएं बढ़ गयी हैं. राजू चौरसिया ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से बिहार लंबी छलांग लगायेगा. लगभग दो वर्षों में बिहार का कुछ विकास नहीं हो सका. अब लगता है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा भी मिल जायेगा. संतोष साह का कहना था कि महागठबंधन की सरकार में कानून व्यवस्था की स्थिति काफी चरमरा गयी थी. व्यापारियों में काफी असुरक्षा का भाव हो गया था. मो इनामुल ने कहा कि शिक्षा की स्थिति काफी दयनीय हो गयी थी. स्कूलों व कॉलेजों में पढ़ाई नहीं हो पा रही थी. केवल खानापूर्ति की जा रही थी.
बदल गइल सरकार, अब त चारों ओर बही विकास के बयार
डुमरांव (बक्सर)
बिहार में गठबंधन टूटने और भाजपा के साथ जदयू का नाता जोड़ने के बाद लोग नये सरकार से आशान्वित हैं. डुमरांव के तकिया मुहल्ले में शनिवार को चौपाल लगा था, जहां लोग नयी सरकार के बारे में बात कर रहे थे. चौपाल में ताश खेलते हुए एक स्वर में सभी यह कह रहे थे कि बदल गइल सरकार, अब त चारों ओर बही विकास के बयार. कई लोग नीतीश के इस फैसले को सराहते नजर आये. भोजपुरी में अपनी बात को रखते हुए चौपाल में बैठे लोगों ने कहा कि इ बहुत दिन के बात होता कि जब केंद्र और राज्य में सरकार एके पार्टी के बा. अब विकास ना होइ त कब होई.नयी सरकार के गठन होने के साथ ही विकास की गति को पंख लगेंगे. सीएम के सात निश्चय में भी तेजी आयेगी. लोग फिर से एक बार सुशासन की सरकार देखना चाहते हैं. छात्र अब नयी भविष्य की ताना-बाना बुन रहे हैं.
शंकर प्रसाद का कहना था कि राजग की सरकार से गरीबों की उम्मीद जगी है. गरीब-गुरबों को सरकारी योजनाओं की सुविधा मिलनी चाहिए. सरकार योजनाओं को धरातल पर उतार तेजी से कार्यान्वयन करें, ताकि गरीबों को कल्याण हो सके. व्यवसायी मुखिया प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार से समझौता नहीं किया. उन्हें बिहार की विकास की चिंता है. अब नयी सरकार के आने से सूबे में विकास की राह आसान हो गयी है. रिक्शा चालक मो हाफिज ने कहा कि महागठबंधन की सरकार ने सूबे में इंटर व मैट्रिक के छात्रों का भविष्य बिगाड़ दी. शिक्षा में परिवर्तन की जरूरत है, ताकि बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो सके. मो इलियास ने कहा कि मंडियों में रोजमर्रे की चीजें आसमान छू रही हैं. नयी सरकार महंगाई पर रोक लगाये.
पूर्ण शराबबंदी में आ रही समस्याओं को दूर करेगी प्रदेश की नयी सरकार
हाजीपुर
महागठबंधन सरकार के मुखिया व राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बीते बुधवार को महागठबंधन से रिश्ता तोड़ कर इस्तीफा देना और फिर उसके बाद एनडीए में शामिल होकर नयी सरकार बनाना लोगों के बीच विषय बना हुआ है. जिले के विभिन्न प्रखंडों व नगर क्षेत्रों में चौक-चौराहों पर नयी सरकार के बनने के बाद चौपाल लगायी जा रही हैं. उन चौपालों में नयी सरकार के गठन और सरकार से जनता की उम्मीदों पर चर्चाएं हो रही हैं. जानकारी के अनुसार पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव के निर्वाचन क्षेत्र राघोपुर में भी चर्चा का बाजार इन दिनों गर्म हैं. राघोपुर में जगह-जगह विभिन्न गांवों में पीपल के वृक्ष के नीचे और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर चौपालें लगायी जा रही हैं और नयी सरकार के गठन को लेकर आलोचनाओं और प्रशंसा का दौर भी जारी है. उधर महुआ विधानसभा क्षेत्र,जो कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव का क्षेत्र है. वहां भी इसी तरह की चर्चाओं का दौर चल रहा है. जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में अभी लग रही चौपालों में सबसे प्रमुख विषय नयी सरकार का गठन ही हैं. राज्य के नये मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार के शपथ लेने के बाद महिलाओं के बीच भी उनकी छवि को लेकर चर्चाएं की जा रही हैं. महिलाएं यह भी चर्चा कर रही हैं कि राज्य में लागू शराबबंदी के संकल्प में धंधेबाजों के कारण आ रही समस्याओं को लेकर भी मुख्यमंत्री ने अपना रिश्ता महागठबंधन से तोड़ लिया. कुछ महिलाओं का कहना है कि मुख्यमंत्री तक जानकारी पहुंच रही थी कि सत्ताधारी दल के कुछ नेताओं द्वारा शराब के धंधेबाजों को संरक्षण दिया जा रहा है.महिलाओं का कहना है कि मुख्यमंत्री का महागठबंधन से नाता तोड़ने का एक यह भी कारण हो सकता है.
मंत्री पदों की नयी जिम्मेवारियों पर टिकी है जिले के लोगों की निगाहें
बीते दिनों राज्य में बनी नयी सरकार में जिले के किन-किन नेताओं को मंत्री पद की जिम्मेवारी सौंपी जायेगी. अभी फिलहाल चौपालों में इस बात की चर्चा को लेकर बाजार गर्म दिखायी पड़ रहा है. राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लिए भी यह बेहद गंभीर विषय बना है. एनडीए कार्यकर्ताओं ने एक जश्न उस वक्त मनाया जब मुख्यमंत्री ने इस्तीफा देकर एनडीए में शामिल होने की स्वीकृति दी, दूसरा जश्न कार्यकर्ताओं ने तब मनाया जब मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शुशील कुमार मोदी ने अपने-अपने पदों की शपथ ली,अब तीसरा जश्न मनाने की पूर्व तैयारियां की जा रही है. जानकारी के अनुसार तीसरा जश्न तब मनेगा जब कार्यकर्ता अपने नेताओं को मंत्री पदों की शोभा बढ़ाते हुए देख सकेंगे.
विकास कार्यों में आयेगी तेजी, बिहार को अब मिल जायेगा विशेष राज्य का दर्जा
बिहारशरीफ
सूबे के नयी एनडीए गठबंधन सरकार यहां के लोगों को पुराने दिनों की याद ताजा कर रही है. किस तरह चार साल पहले सूबे की एनडीए सरकार में कानून का राज का बोलबाला था. हर क्षेत्र में विकास की रफ्तार तेज थी. अब फिर से यही उम्मीदें लोगों में जगनी शुरू हो गयी है. लोग यहां तक कह रहे है कि ‘ पुराने दिन आयो रे भैया’. चुंकि नालंदा मुख्यमंत्री का गृह जिला विकास के बहुत सारे कार्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां किये हैं.यूं कहे मुख्यमंत्री का नालंदा पर विशेष ध्यान रहा है. अब चूंकि केंद्र और बिहार में एनडीए सरकार है तो लाजमी है यहां के लोग अब और ज्यादा उम्मीदें लगाये हुए हैं. सबसे पहले यहां के लोग मनाते है कि बिहार को अब विशेष राज्य का दर्जा मिल जाएगा. केंद्र से यहां विकास की गंगा बहेगी. वे सारे पूरे कार्य अब पूरे होगे जो पैसे के अभाव में रुके पड़े थे. यहां के ग्रामीणों में इस बात की खुशी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा से गठबंधन कर बिहार की तरक्की के लिए सही कदम उठाया है, जो बिहार के लिए बहुत जरूरी था. लोगों को पूरा भरोसा है कि मुख्यमंत्री बिहार के लिए केंद्र से ढ़ेर सारी परियोजनाओं की मंजूरी दिलवायेंगे. कृषि के क्षेत्र में पूरा काम होने की उम्मीद लोग जता रहे है. लोगों की राय में यह बात खुलकर सामने आयी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के लिए खजाना खोल देंगे. छात्र से लेकर बेरोजगार युवक इस सरकार में सुहावने सपने देखने लगे हैं. उन्हें अब लग रहा कि उनका भविष्य अब उज्जवल होने वाला हैं. नौजवानों का कहना है कि केंद्र और राज्य में एक सरकार रहने से हर तरफ विकास का कार्य होगें. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब जितनी राशि केंद्र से मांगगे उन्हें मिलेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस फैसले को लोग बिहार के हित में सही बताया हैं. लोगों का कहना है कि बिहार के लिए यह बहुत ही जरूरी था.
जिस तरह से बीस महीनों में बिहार की स्थिति नही सुधर रही थी, उससे लोग चितिंत थे कि बिहार के भविष्य का क्या होगा. लोगों को इस नये गठबंधन की सरकार उम्मींदे है कि बिहार की सड़कों की बदहाली अब सुधर जायेगी, निर्वाद बिजली मिलेगी, रोजगार के लिए पलायन नही होना पड़ेगा. कल-कारखाने खुलेंगे और कानून अपना काम करेगा. सबसे ज्यादा खुशी युवाओं में रोजगार को लेकर हैं. जो अब मनाते हैं बिहार में रोजगार के साधन बढ़ेंगे और हर हाथ को काम मिलेगा.
एनडीए के साथ गठबंधन से अब बिहार में बहेगी विकास की गंगा, रुके कार्य होंगे पूरे
छपरा
अरे, भाई पुरनका सरकार में सबकुछ ठिके ठाक चलता, आज इ नौबत काहे आता. गड़बड़ हुआ तब्बे न भाजपा को मौका मिला. अब फेर से नीतीश जी का करेंगे उ देखना है. इस तरह की बातें जिले के हर जगह व गांवों में हो रही है. कोई नये गठजोड़ से खुश है, तो कोई पुराने को ही सही ठहरा रहा है. तरैया बाजार स्थित मछली मार्केट में बने ब्रह्मस्थान के चबूतरे पर बैठे लोगों द्वारा सरकार के बारे में तरह-तरह की चर्चाएं करते हुए देखे गये.चर्चा के दौरान लोग एक-दूसरे से उलझते भी देखे गये. कुछ लोगों ने नीतीश कुमार के द्वारा उठाये गये कदम को सराहनीय कह रहे थे. वहीं राजद व लालू प्रसाद समर्थकों ने नीतीश कुमार को धोखेबाज मुख्यमंत्री कह रहे थे. जितनी मुंह उतनी बातें चौपाल में हो रही थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थकों ने चर्चा में हो-हल्ला कर रहे थे कि अगर लालू प्रसाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की जगह किसी दूसरे को बना देते तो ऐसी नौबत नहीं आती. वहीं राजद व लालू प्रसाद के समर्थक चर्चा कर रहे थे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के गोद में जाने को बेचैन थे. कुछ लोग कह रहे थे कि लालू प्रसाद का पतन हुल्लड़- हुड़दंग के कारण हुआ है. अब हुल्लड़-हुड़दंग का जमाना नहीं रह गया है. अब बिहार की जनता विकास चाह रही है. चौपाल में बैठे शशिशेखर गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो कार्य किया वह सराहनीय है. एनडीए के साथ गठबंधन से अब बिहार में विकास की गंगा बहेगी. मेराजुद्दीन ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार की जनता भाजपा के विरोध में वोट दिया था. भाजपा विरोधी वोट जदयू व राजद को मिला था. पांच वर्ष सरकार चलाने के लिए. विकास कुमार गुप्ता ने कहा कि केंद्र व बिहार की सरकार मिल कर अब बिहार की विकास करेंगे. सुरेंद्र साह ने कहा कि लालू प्रसाद को पुत्र मोह हो गया था.
उधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा व कुरसी की चक्कर में आनन-फानन में शाम को इस्तीफा दिया और सुबह भाजपा की साथ फिर से मुख्यमंत्री बन गये.
युवाओं को रोजगार मिले और भ्रष्टाचार पर लगाम लगे
बेगूसराय
बिहार की तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम पर जिले के विभिन्न प्रखंडों में चौक से लेकर चौपाल तक लोग चर्चा करने में मशगूल हैं. जहां एनडीए के समर्थक मुख्यमंत्री के महागठबंधन के घटक दल राजद के साथ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गतिरोध उत्पन्न हो जाने के बाद इस्तीफा देने की बात को सही ठहरा रहे हैं, वहीं उनके विरोधी उन पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप मढ़ रहे हैं. नयी सरकार बनने के बाद सरकार से विकास की अपेक्षा करते हुए बरौनी प्रखंड अंतर्गत बीहट के समाजसेवी श्यामनंदन सिंह पन्नालाल ने कहा कि आम लोग सुरक्षित महसूस करें, युवाओं को रोजगार मिले और भ्रष्टाचार पर लगाम लगे. नयी सरकार से यही उम्मीद करेंगे. किताब दुकानदार और बीहट निवासी शंभु सिंह ने कहा कि सरकार बिहार को विकास की पटरी पर लाये. संवेदक अमृत सिंह ने कहा कि बिहार में शराबबंदी और ठोस हो और कानून का कड़ाई के साथ पालन हो. बिहार में भयमुक्त वातावरण में लोग अपना कारोबार कर सके इसकी गारंटी होनी चाहिए. हाजीपुर पंचायत की गृहिणी रेखा देवी, प्रेमलता देवी ने कहा कि सरकार सड़क, नाला व चौबीस घंटे बिजली की बेहतर सुविधा पर काम करे. साइबर कैफे चलाने वाले राजू ने कहा विपक्ष धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय के नाम पर भ्रष्टाचार व परिवारवाद को बढ़ावा देना चाहता है. जिसे बिहार की जनता किसी भी कीमत पर बरदाश्त नहीं करेगी. वहीं मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर लोग दिन भर कयास लगाते रहे. कुछ लोगों ने कहा कि बिहार में राजनीति करने वाले पक्ष हों या विपक्ष आपसी लड़ाई में बिहार का विकास बाधित न हो इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाना चाहिए. ताकि लोग अपने उपेक्षित महसूस न कर सके.