पटना : बिहार विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने विश्वास प्रस्ताव रखा. विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने सूबे के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को विपक्ष का नेता घोषित किया गया. तेजस्वी को विपक्ष का नेता घोषित किये जाने के बाद उन्होंने सदन को संबोधित किया.
नीतीश कुमार ने एक बार भी नहीं मांगा इस्तीफा और ना ही बर्खास्त किया
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सदन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जम कर बरसे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश्ल कुमार का फैसला लोकतंत्र की हत्या है.28 साल की उम्र में मुझे टारगेट किया जा रहा है. मुख्यमंत्री जानते हैं कि मैंने किस ईमानदारी से काम किया है. लगातार काम करने की वजह से बीमार तक पड़े. भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा कि भाजपा सत्ता की लालची है, इसलिए नीतीश कुमार हमें बर्खास्त नहीं कर सकें. साथ ही कहा कि ‘आपलोगों’ (भाजपा) के साथ जाने का इनका मन था. मुख्यमंत्री ने एक बार भी इस्तीफा नहीं मांगा और ना ही हमसे इस्तीफा मांगा गया. हमारी कोशिश यही रही कि महागठबंधन एक रहे. मैंने मुख्यमंत्री को कहा कि जो आप कहेंगे, वह हम करेंगे. हमने क्या अपराध किया कि आपने ऐसा किया. इतना ढकोसला हुआ. महात्मा गांधी को उद्धृत करते हुए कहा कि बापू के हत्यारे के साथ आप गले मिल रहे हैं. मुख्यमंत्री जी आप बापू के सम्मेलन में क्या-क्या बोले और आप गांधी के हत्यारों के साथ मिलकर गांधी का भी प्रयोग किया. संघ मुक्त भारत की बात किसने की? मुख्यमंत्री क्यों डर गये. तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि मिट्टी में मिल जायेंगे, लेकिन भाजपा में नहीं जायेंगे. अब इन पर कोई विश्वास नहीं करेगा. अब आप ‘हे राम’ से ‘जय श्रीराम’ हो गये हैं. संबोधन के अंत में तेजस्वी ने कहा कि आप हमारे ‘चाचा’ थे, हैं और आगे भी रहेंगे.