-कोयला के जलने पर आदमी के जलने की बू क्यों आती है…… उपन्यासकार इलियास अहमद गद्दी की पुण्यतिथि पर चिंतन गोष्ठी झरिया. समाजसेवी व कवि अनिल पांडेय ने शमशेर नगर ईदगाह मैदान में गुरुवार को साहित्य अकादमी से सम्मानित उपन्यासकार इलियास अहमद गद्दी की पुण्यतिथि पर चिंतन गोष्ठी का आयोजन किया. उसमें इलियास अहमद पर लिखी गयी कविताओं की प्रतियां ‘बोल रहा मरहूम इलियास झरिया वासियों से …’ बांटी गयी. कवि ने ‘ यहां कोयले का रंग, लाल क्यों है? यहां कोयला के जलने पर आदमी के जलने की बू क्यों आती है?….., आग में जलता है आग की भाषा बोलता है….इस बार वे शहद बेच कर मालामाल हो जायेंगे…कविताओं को सुनाया. उसे सैकड़ों लोगों ने सुना व सराहा. मौके पर एहसान खान, नईम अंसारी, परवेज अंसारी आदि थे.
-कोयला के जलने पर आदमी के जलने की बू क्यों आती है……
-कोयला के जलने पर आदमी के जलने की बू क्यों आती है…… उपन्यासकार इलियास अहमद गद्दी की पुण्यतिथि पर चिंतन गोष्ठी झरिया. समाजसेवी व कवि अनिल पांडेय ने शमशेर नगर ईदगाह मैदान में गुरुवार को साहित्य अकादमी से सम्मानित उपन्यासकार इलियास अहमद गद्दी की पुण्यतिथि पर चिंतन गोष्ठी का आयोजन किया. उसमें इलियास अहमद पर […]
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